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    Rahul Gandhi: रायबरेली या वायनाड... दोनों जगहों से जीतने पर कौन सी सीट छोड़ेंगे राहुल गांधी? खरगे ने बताया

    By Agency Edited By: Piyush Kumar
    Updated: Wed, 22 May 2024 01:00 PM (IST)

    अगर राहुल गांधी दोनों सीट रायबरेली और वायनाड से चुनाव जीत जाते हैं तो उन्हें कोई एक सीट से सांसद के तौर पर इस्तीफा देना होगा। जब यह सवाल मल्लिकार्जुन खरगे से पूछा गया कि अगर राहुल गांधी दोनों सीटों से बाजी मार जाते हैं तो वो किस सीट का त्याग करेंगे? इसपर खरगे ने कहा कि ये राहुल तय करेंगे कि उन्हें किस सीट सांसद बने रहना है।

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    कांग्रेस नेता राहुल गांधी वायनाड और रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हैं।(फोटो सोर्स: जागरण)

    पीटीआई, नई दिल्ली। Lok Sabha Election 2024। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस बार दो लोकसभा सीट, वायनाड और रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस को उम्मीद है कि दोनों सीटों से राहुल गांधी (Rahul Gandhi) बाजी मारेंगे। हालांकि, अगर राहुल गांधी दोनों सीटें से चुनाव जीत जाते हैं तो उन्हें किसी एक सीट से सांसद के तौर पर इस्तीफा देना होगा।

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    यही सवाल जब कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से पूछा गया कि अगर राहुल गांधी दोनों सीटें जीत जाते हैं तो वो किस सीट से इस्तीफा देंगे? इस सवाल पर खरगे ने कहा कि ये राहुल गांधी तय करेंगे कि उन्हें किस सीट से सांसद बने रहना है।

    328 सीटों पर चुनाव लड़ रही कांग्रेस

    बता दें कि साल 2019 में राहुल गांधी ने पहली बार वायनाड से चुनाव लड़ा था। हालांकि, पिछली बार वो अमेठी से चुनाव हार गए थे। बता दें कि इस बार कांग्रेस सिर्फ 328 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

    पार्टी ने 200 से ज्यादा सीटें आई.एन.डी.आई. गठबंधन के दलों के लिए छोड़ा है। हालांकि, बंगाल, केरल, पंजाब में कांग्रेस और आई.एन.डी.आई. गठबंधन में मौजूद पार्टियां और कांग्रेस के बीच टक्कर है।

    सभी विपक्षी नेताओं का एक ही  लक्ष्य: खरगे

    मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने कहा कि हर राज्य में अलग-अलग गठबंधन है। हालांकि, सभी विपक्षी दलों का लक्ष्य बीजेपी को हराना ही है। खरगे ने आगे कहा, राहुल गांधी हों, अरविंद केजरीवाल हों या अखिलेश यादव, सभी का लक्ष्य बीजेपी को हराना है और ये नेता अलग-अलग तरीके से चुनाव लड़ रहे हैं।  

    विपक्षी नेताओं को परेशान किया जा रहा: खरगे

    जब खरगे से सवाल पूछा गया कि  चुनाव से पहले विपक्षी नेताओं को सलाखों के पीछे क्यों डाला जा रहा है। उन्होंने कहा, ''जब वे (बीजेपी) पिछले 10 साल से सत्ता में थे तो उन्होंने उन्हें पहले गिरफ्तार क्यों नहीं किया? चुनाव चल रहे हैं और यहां नेताओं को धमकी दी जा रही है और परेशान किया जा रहा है और सलाखों के पीछे डाल दिया गया है, यहां तक कि उन्हें प्रचार करने के लिए भी नहीं छोड़ा जा रहा है।''

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