महुआ मोइत्रा से ममता बनर्जी के 5 MLA नाराज, 'लेटर बम' फूटने से सामने आई TMC की अंदरूनी कलह
हाल ही में नादिया जिले के छह विधायकों ने कृष्णानगर से पार्टी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। विधायकों ने मोइत्रा पर पार्टी के भीतर गुटबाजी को बढ़ावा देने और पार्टी की एकता को कमजोर करने का आरोप लगाया है। शिकायत पार्टी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भेजी गई जिसमें मोइत्रा के खिलाफ कार्रवाई का आग्रह किया गया है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। नदिया जिले के कृष्णानगर लोकसभा क्षेत्र की तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ शिकायती पत्र लिखने के बाद सोमवार को पांच विधायकों ने मुख्यमंत्री व पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी से मुलाकात की और महुआ को जिले के पद से हटाने का अनुरोध किया। हालांकि, ममता बनर्जी ने विधायकों से कहा कि महुआ पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है, पार्टी की जिलेवार बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है।
सीएम ममता से की मुलाकात
सूत्रों के मुताबिक, छह विधायकों ने ममता बनर्जी को पत्र लिखकर महुआ के खिलाफ कई आरोप लगाए हैं। सोमवार नक्काशीपाड़ा, पलाशीपाड़ा, तेहट्ट, चपड़ा, कृष्णानगर दक्षिण के विधायकों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी और अपनी बातें रखी।
स्थानीय विधायकों की अनदेखी का आरोप
बता दें कि नादिया जिले के छह विधायकों ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ पार्टी में गुटबाजी का आरोप लगाया था और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा था। शिकायत पर कृष्णानगर लोकसभा क्षेत्र के पांच टीएमसी विधायकों और करीमपुर के एक विधायक ने हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि लोकसभा के लिए फिर से चुने जाने के बाद से मोइत्रा के आचरण पर चिंता जताती है। सांसदों का दावा है कि मोइत्रा ने अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए अपने क्षेत्र के विधानसभा प्रतिनिधियों को व्यवस्थित रूप से दरकिनार कर दिया है।
विफल रही हैं महुआ मोइत्रा
बिमलेंदु सिन्हा रॉय (करीमपुर), रुकबानुर रहमान (छपरा), कल्लोल खान (नकाशीपारा), माणिक भट्टाचार्य (पलाशीपारा), उज्ज्वल विश्वास (कृष्णानगर दक्षिण) और नसीरुद्दीन अहमद (कालीगंज) सहित विधायकों ने आरोप लगाया है कि मोइत्रा उन्हें उनके निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी की गतिविधियों में शामिल करने में विफल रही हैं।
अस्थिरता को बढ़ावा देने का दावा
शिकायत में क्षेत्र के 'असामाजिक तत्वों' के साथ मोइत्रा की कथित संलिप्तता के बारे में भी गंभीर चिंता जताई गई है। विधायकों का मानना है कि इससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा है, खासकर अल्पसंख्यक मतदाताओं के बीच। विधायकों का दावा है कि मोइत्रा के कार्यों ने जिले के भीतर अस्थिरता को बढ़ावा दिया है।
तृणमूल नेताओं-विधायकों पर ममता की नजर
बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी पार्टी के कुछ नेताओं-विधायकों की गतिविधियों पर नजर रख रही हैं। ममता अपने करीबी नेताओं व प्रशासनिक अधिकारियों से उन लोगों के प्रत्येक कदम के बारे में जानकारियां जुटा रही हैं। मालूम हो कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर से दरिंदगी को लेकर पार्टी के अंदर से भी विरोध के स्वर उठे थे।
उस समय ममता थोड़े दबाव में आ गई थीं, लेकिन हालिया संपन्न विधानसभा उपचुनाव में सभी छह सीटें जीतने के बाद वह इस बात को लेकर आश्वस्त हो गई हैं कि बंगाल की जनता अब भी उनके साथ है, इसलिए अब उन्होंने पार्टी के बागी नेताओं पर लगाम कसने की तैयारी कर ली है। पिछले महीने हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में ममता ने पार्टी के प्रत्येक नेता के लिए जिम्मेदारी तय कर दी थी। उन्हें उसके बाहर जाकर काम नहीं करने की सख्त हिदायत दी थी। उन्होंने यह भी तय कर दिया था कि कौन किस मुद्दे पर बोलेगा और किस पर नहीं।
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