राधाकृष्णन Vs सुदर्शन... NDA और INDI ने 'साउथ' पर क्यों लगाया दांव? नायडू और स्टालिन से जुड़ा है कनेक्शन
Vice Presidential Election उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन और इंडी गठबंधन ने बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार एनडीए ने राधाकृष्णन को तमिलनाडु के समीकरणों को ध्यान में रखकर चुना है जबकि विपक्ष ने सुदर्शन रेड्डी को उतारकर टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस के लिए दुविधा खड़ी कर दी है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए (NDA) और विपक्ष दल इंडी गठबंधन (INDIA Alliance) ने अपने उम्मीदवारों का एलान कर दिया है। 9 सितंबर को होने वाले चुनाव के लिए एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार घोषित किया है।
वहीं, इंडी गठबंधन ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी.सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है। दिलचस्प बात है कि दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से ताल्लुक रखते हैं।
सबसे बड़ा सवाल है कि सीपी राधाकृष्ण और बी. सुदर्शन रेड्डी के नाम के एलान के पीछे एनडीए और इंडी गठबंधन की क्यों सोच है?
राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो सबसे पहले एनडीए द्वारा सीपी राधाकृष्ण को उम्मीदवार बनाना तमिलनाडु के समीकरणों पर आधारित है। दरअसल, राधाकृष्णन तमिलनाडु के OBC गाउंडर समुदाय से आते हैं।
एनडीए ने एक तमिल समुदाय से जुड़े शख्स को उम्मीदवार बनाकर डीएमके को असमंजस में डालने की कोशिश थी। हालांकि, डीएमके ने सुदर्शन रेड्डी का समर्थन किया है।
वहीं, दूसरी ओर विपक्ष ने सुदर्शन रेड्डी को उतारकर तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के लिए दुविधा खड़ी कर दी।
सीएम चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी, एनडीए में अहम सहयोगी हैं। चंद्रबाबू नायडू के लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि वो गठबंधन धर्म का पालन करेंगे या क्षेत्रीय गौरव को बचाने पर जोर देंगे।
एनडीए के साथ खड़ी है TDP: नारा लोकेश
हांलिक, विपक्ष द्वारा सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाने के एलान के बाद टीडीपी ने प्रतिक्रिया भी दे दी है। सीएम चंद्रबाबू के बेटे नारा लोकेश ने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए कहा,"हम स्टैंड बिल्कुल क्लियर है। हम एनडीए के साथ पूरी ताकत के साथ एकजुट हैं।" उनके इस पोस्ट का मतलब है कि टीडीपी भी सीपी राधाकृष्ण के साथ खड़ी है।''
No ambiguity - only warmth, respect, and resolve. The NDA stands united. https://t.co/V1YBt5BDsR
— Lokesh Nara (@naralokesh) August 19, 2025
गौरतलब है कि YSRCP प्रमुख जगन मोहन रेड्डी पहले ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बातचीत के बाद एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन के समर्थन की घोषणा कर चुके हैं।
सीपी राधाकृष्ण को लेकर क्या बोली DMK?
कुछ दिनों पहले भाजपा और डीएमके के बीच भाषा विवाद को लेकर घमासान मचा हुआ था। तमिलनाडु के सीएम ने आरोप लगाया था कि भाजपा जबरदस्ती तमिलनाडु में हिंदी थोपनी की कोशिश कर रही है।
डीएमके का कहना है कि भाजपा ने सिर्फ इसलिए एक तमिलनाड से ताल्लुक रखने वाले शख्स को उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया ताकि वो तमिल वोटर्स को लुभा सके। यह एक राजनीतिक दृष्टि से लिया गया फैसला है।
क्या है उपराष्ट्रपति चुनाव का गणित?
हालांकि, उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए का पलड़ा भारी है। उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों वाले एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है। वर्तमान निर्वाचक मंडल में 782 सदस्य हैं।
इसका मतलब है कि जीतने वाले पक्ष के पास कम से कम 392 वोट होने चाहिए। एनडीए के पास लोकसभा में 293 और राज्यसभा में 133 सीटें हैं।
संख्याबल के हिसाब से भाजपा आसानी से सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद पर बिठा देगी। विपक्ष के उम्मीदवार को जीताने के लिए एनडीए नेताओं को विपक्षी उम्मीदवार के लिए वोट करना होगा। ऐसा इस समय असंभव दिख रहा है।
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