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    'जब तक ठाकरे CM नहीं बन जाते, मन को शांति नहीं मिलेगी' शंकराचार्य ने उद्धव को लेकर कर दी ये बड़ी घोषणा

    Updated: Mon, 15 Jul 2024 06:47 PM (IST)

    Maharashtra Politics ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती सोमवार को शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के आग्रह पर उनके आवास मातोश्री पहुंचे। उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे विश्वासघात के शिकार हुए हैं। हमें उनके साथ हुए विश्वासघात पर काफी दुख है। हमारा आशीर्वाद हमेशा उनके साथ है।

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    शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने उद्धव ठाकरे से उनके आवास 'मातोश्री' पर मुलाकात की। (File Photo)

    पीटीआई, मुंबई। उत्तराखंड में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सोमवार को उद्धव ठाकरे से उनके आवास मातोश्री पर मुलाकात की। वह ठाकरे के घर एक पूजा समारोह में आए। इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की और कहा कि उद्धव ठाकरे विश्वासघात के शिकार हुए हैं। मैं इस बात से काफी दुखी हूं। मेरे साथ अन्य लोग भी काफी दुखी हैं और जनता का यह दुख तब तक खत्म नहीं होगा, जब तक वह दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बन जाते हैं।

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    शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि मैंने आज शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे के अनुरोध पर उनसे उनके बांद्रा स्थित आवास पर मुलाकात की। शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे विश्वासघात के शिकार हैं। उद्धव ठाकरे के साथ जो विश्वासघात हुआ है, इससे मैं ही नहीं कई अन्य लोग भी दुखी हैं।

    ठाकरे पर हमारा आशीर्वाद

    शंकराचार्य ने कहा कि जब तक वे दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बन जाते, लोगों का दर्द कम नहीं होगा। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि उन्होंने (उद्धव) कहा कि वह हमारे आशीर्वाद के अनुसार जो भी आवश्यक होगा, करेंगे।

    हिंदू विश्वासघात नहीं करता

    स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि विश्वासघात सबसे बड़ा पाप है। जो विश्वासघात करता है, वह हिंदू नहीं हो सकता। जो विश्वासघात को सहन करता है, वह हिंदू है।

    विश्वासघात धर्म के अनुसार पाप

    उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की पूरी जनता विश्वासघात से दुखी है और यह हाल के (लोकसभा) चुनावों में भी झलकता है। हमारा राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन हम विश्वासघात की बात कर रहे हैं जो धर्म के अनुसार पाप है।

    जनता का अनादर ठीक नहीं

    स्वामी सरस्वती ने कहा कि बीच में सरकार तोड़ देना ही जनता का अनादर करना करना होता है, जो अच्छी बात नहीं। जनता ही सर्वोपरि होती है। बता दें कि शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं गए थे।

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