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    BJP Action: 'पार्टी विरोधी गतिविधियों' के लिए भाजपा के दो विधायक निष्कासित, कर्नाटक में राजनीति तेज

    भाजपा ने मंगलवार को कर्नाटक में अपने दो विधायकों - एसटी सोमशेखर और ए. शिवराम हेब्बार को उनकी कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि पार्टी आलाकमान ने लंबे विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया। इसके साथ ही डीके शिवकुमार ने इस कार्रवाई की आलोचना की है।

    By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Tue, 27 May 2025 11:30 PM (IST)
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    पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए भाजपा के दो विधायक निष्कासित (फोटो- वीडियो ग्रैब)

    पीटीआई, बेंगलुरु। भाजपा ने मंगलवार को कर्नाटक में अपने दो विधायकों - एसटी सोमशेखर और ए. शिवराम हेब्बार को उनकी कथित ''पार्टी विरोधी गतिविधियों'' के लिए छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि पार्टी आलाकमान ने लंबे विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया।

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    डीके शिवकुमार ने इस कार्रवाई की आलोचना की

    इस बीच, उपमुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार ने इस कार्रवाई की आलोचना की है। गौरतलब है कि सोमशेखर और हेब्बार क्रमश: यशवंतपुर और येल्लापुर विधानसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इससे पहले वे कांग्रेस में थे।

    2019 में वे उन 18 कांग्रेस और जेडीएस (जनता दल सेकुलर) विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को गिरा दिया था और भाजपा को राज्य में चौथी बार सत्ता में आने तथा बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाने में मदद की थी।

    कांग्रेस से जुड़ाव को लेकर की गई कार्रवाई

    इस पर उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था जिसके बाद वे भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि दोनों विधायकों ने भाजपा के टिकट पर 2023 का विधानसभा चुनाव जीता था, लेकिन जल्द ही वे कांग्रेस के साथ घुलने-मिलने लगे। सोमशेखर और हेब्बार अक्सर पार्टी के निर्देशों की अनदेखी करते थे। उन्होंने पार्टी की बैठकों में भी शामिल होना बंद कर दिया था।

    सभी चेतावनियों को नजरअंदाज किया

    सूत्रों ने आरोप लगाया कि कर्नाटक विधानसभा में भी दोनों सत्तारूढ़ कांग्रेस का समर्थन करते देखे गए, जिसके साथ वे 2019 से पहले से जुड़े हुए थे।

    विजयेंद्र ने कहा, ''विधायकों को खुद को सुधारने के लिए काफी समय दिया गया, लेकिन उन्होंने सभी चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया। आखिरकार उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया।''

    भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के अनुसार, पार्टी की राज्य कोर कमेटी की बैठकों में अक्सर उनकी गतिविधियों पर चर्चा होती थी और केंद्रीय नेतृत्व को भी उनके बारे में अवगत कराया जाता था।

    अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई- भाजपा

    विजयेंद्र ने कहा, ''हमने इस बात पर जोर दिया था कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।'' बहरहाल, दोनों विधायकों ने अपने निष्कासन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।