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    Twitter War: कश्‍मीर मसले पर महबूबा मुफ्ती के ट्वीट का गौतम गंभीर ने ऐसे दिया जवाब

    By Monika MinalEdited By:
    Updated: Tue, 04 Jun 2019 07:10 PM (IST)

    कश्‍मीर मसले को जरिया बना जहां महबूबा मुफ्ती ने गृहमंत्री अमित शाह पर हमला बोला वहीं भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने ट्वीट के जरिए पलटवार किया है। ...और पढ़ें

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    Twitter War: कश्‍मीर मसले पर महबूबा मुफ्ती के ट्वीट का गौतम गंभीर ने ऐसे दिया जवाब

    नई दिल्ली, जेएनएन। कश्‍मीर मसले पर राजनीतिक महकमे में ट्वीटर वार शुरू हो गई है। सोमवार को पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने विवादित ट्वीट किया जिसपर नए भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने भी ट्वीट के जरिए पलटवार किया है। महबूबा ने ट्वीट में कश्मीर मसले में पाकिस्तान को भी एक पक्ष बताया है। उन्‍होंने कश्मीर समस्या को हल करने के लिए पाकिस्तान को भी शामिल किए जाने की वकालत कर डाली है।

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    महबूबा मुफ्ती ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में बने गृहमंत्री अमित शाह पर हमला किया है। महबूबा ने ट्वीट कर गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए लिखा है कि '1947 से कश्मीर विभिन्न सरकारों द्वारा कश्मीर को सुरक्षा के नजरिये से ही देखा गया है। ये राजनीतिक समस्या है और इसका निराकरण भी राजनीतिक तरीके से किया जाना चाहिए। पाकिस्तान भी इसमें एक पक्ष है। नई सरकार के गृह मंत्री समस्या के तत्काल निराकरण के लिए बर्बर हल का सहारा लेने की कोशिश कर रहे हैं।'

    इस पर गौतम गंभीर ने उन्हीं के अंदाज में ट्वीट के जरिए जवाब दिया। उन्‍होंने लिखा, 'हालांकि हम सभी कश्मीर समस्या के समाधान के लिए बात कर रहे हैं, लेकिन महबूबा मुफ्ती के लिए अमित शाह की प्रक्रिया को 'क्रूर' कहना 'हास्यास्पद' है। इतिहास हमारे धैर्य और धीरज का गवाह रहा है। लेकिन अगर उत्पीड़न मेरे लोगों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करता है, तो ऐसा ही हो।’ इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा कि 1947 से विभिन्न सरकारें कश्मीर को सुरक्षा के नजरिए से देखती रही हैं। यह एक राजनीतिक समस्या है और पाकिस्तान सहित सभी पक्षों को शामिल करते हुए इसके राजनीतिक हल की जरूरत है।

    गृहमंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में देश की आंतरिक सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया, जहां उन्हें जम्मू कश्मीर की स्थिति से भी अवगत कराया गया। साथ ही गृहमंत्री ने सोमवार को सुरक्षा बलों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे किसी भी आलोचना से प्रभावित न हों और जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रखें। गृह मंत्रालय का कहना है कि यह नीति परिणाम देने वाली है।

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