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Tripura Assembly Election: त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में सीपीएम-कांग्रेस रोकेगी BJP का विजय रथ? क्या है स्थिति

चुनाव आयोग ने बुधवार दोपहर त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव की तारीख का एलान दिया है। 60 सीटों वाले त्रिपुरा में 16 फरवरी को चुनाव होगा। 2 मार्च को नतीजों का एलान होगा। भाजपा का यहां 35 सीटों पर कब्जा है। (जागरण ग्राफिक्स)

By Jagran NewsEdited By: Manish NegiPublished: Wed, 18 Jan 2023 10:16 AM (IST)Updated: Wed, 18 Jan 2023 03:10 PM (IST)
Tripura Assembly Election: त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में सीपीएम-कांग्रेस रोकेगी BJP का विजय रथ? क्या है स्थिति
Tripura Assembly Election चुनाव आयोग आज करेगा तारीख का एलान

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। उत्तर-पूर्वी राज्य त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव का बिगुल आज बज गया है। चुनाव आयोग ने 60 विधानसभा सीटों वाले त्रिपुरा में चुनाव की तारीख का एलान कर दिया है। साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने लेफ्ट के इस मजबूत किले को ढहा दिया था। 25 साल तक शासन करने वाली लेफ्ट सत्ता से बाहर हो गई, जबकि भाजपा ने पहली बार कमल खिलाया था।

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16 फरवरी को चुनाव, 2 मार्च को आएंगे नतीजे

त्रिपुरा में 16 फरवरी को एक ही चरण में विधानसभा चुनाव होगा। 2 मार्च को नतीजो का एलान किया जाएगा।अधिसूचना 21 जनवरी को जारी होगी, जबकि नामांकन की अंतिम तिथी 30 जनवरी है।

BJP की ऐतिहासिक जीत

साल 2018 में त्रिपुरा की 60 सीटों में से 59 सीटों पर चुनाव कराए गए थे। चारीलाम सीट से सीपीएम प्रत्याशी रामेंद्र नारायण देबबर्मा के निधन के कारण इस सीट पर चुनाव नहीं हो सका था। भाजपा ने बंपर जीत हासिल करते हुए 35 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि सीपीएम सिर्फ 16 सीटों पर ही सिमट गई। भाजपा की सहयोगी पार्टी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने 8 सीटों पर जीत का परचम लहराया था।

कांग्रेस-सीपीएम का गठबंधन

त्रिपुरा में कभी भाजपा का एक भी विधायक नहीं था, लेकिन उसने अपने शानदार प्रदर्शन से विरोधियों को चौंका दिया था। अब त्रिपुरा में भाजपा का विजय रथ रोकने के लिए सीपीएम और कांग्रेस इस बार साथ आए हैं। दोनों दलों ने विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन कर लिया है। हालांकि, ममता बनर्जी की टीएमसी ने चुनाव में अकेले ही उतरने का फैसला किया है।

चुनाव से साल भर पहले बदला सीएम

त्रिपुरा में बीते साल मई में उस वक्त खलबली मच गई, जब अचानक सीएम बदल दिया गया। चुनाव से ठीक पहले बिप्लब देव ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और उनकी जगह माणिक साहा को मुख्यमंत्री बनाया गया। माणिक साहा पेशे से दंत चिकित्सक हैं। कुछ साल पहले ही वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।

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