मनरेगा फंड के मुद्दे पर तृणमूल और केंद्र सरकार के बीच तकरार, बंदोपाध्याय के आरोपों पर धर्मेंद्र प्रधान ने किया पलटवार
पश्चिम बंगाल के लिए मनरेगा फंड को रोकने के मुद्दे पर लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस और सत्तापक्ष में तीखी नोकझोंक हुई। तृणमूल कांग्रेस की ओर से केंद्रीय योजनाओं का फंड रोकने का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार पर पश्चिम बंगाल की आर्थिक नाकेबंदी का आरोप लगाया गया। धर्मेंद्र प्रधान में इसका तीखा प्रतिवाद करते हुए तृणमूल सरकार पर केंद्रीय योजनाओं में भ्रष्टाचार और उनकी सीबीआई जांच का हवाला दिया।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के लिए मनरेगा फंड को रोकने के मुद्दे पर लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस और सत्तापक्ष में तीखी नोकझोंक हुई। तृणमूल कांग्रेस की ओर से केंद्रीय योजनाओं का फंड रोकने का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार पर पश्चिम बंगाल की आर्थिक नाकेबंदी का आरोप लगाया गया।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान में इसका तीखा प्रतिवाद करते हुए तृणमूल सरकार पर केंद्रीय योजनाओं में भ्रष्टाचार और उनकी सीबीआई जांच का हवाला दिया।
सुदीप बंद्योपाध्याय ने शून्य काल में उठाया सवाल
तृणमूल कांग्रेस की ओर से सुदीप बंद्योपाध्याय ने शून्य काल में पश्चिम बंगाल के साथ किये जा रहे भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि मनरेगा, पीएम आवास और नेशनल हेल्थ मिशन का 18 हजार करोड़ रुपये केंद्र के पास लंबित है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जानबूझकर इस फंड को रोके हुए है। बंदोपाध्याय ने राज्य के हिस्से के केंद्र फंड को तत्काल जारी करने की मांग की।
धर्मेंद्र प्रधान ने आरोपों को बेबुनियाद बताया
बंदोपाध्याय के आरोपों का प्रतिकार करते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने केंद्रीय योजनाओं के फंड में पश्चिम बंगाल में घोटाले के आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम पोषण योजना, मिड डे मिल 4000 करोड़ रुपये की गड़बड़ी हुई है और केंद्र सरकार ने इसके सीबीआई जांच के आदेश दिये हैं। उन्होंने कहा कि जांच में सच सामने आ जाएगा।
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प्रधान ने तृणमूल पर लगाया घोटाले का आरोप
प्रधान ने तृणमूल पर हमला करते हुए कहा कि घोटाले के आरोप में इनके आधे मंत्री जेल में हैं और उन्हें अपने शीर्ष नेता के जेल में जाने का डर सता रहा है।धर्मेंद्र प्रधान ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर केंद्रीय योजनाओं के लिए भेजे गए केंद्र फंड लाभार्थियों तक नहीं पहुंचने देने का आरोप लगाया।
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