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    'पता नहीं करोड़ों का चंदा कौन ऑफिस में रख गया...', TMC और JDU ने चुनावी बॉन्ड पर इलेक्शन कमिशन को दिया अटपटा जवाब

    Updated: Mon, 18 Mar 2024 10:49 AM (IST)

    Electoral Bonds चुनाव आयोग ने विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा सौंपे गए सीलबंद लिफाफों की जानकारी सार्वजनिक की। इस जानकारी में तृणमूल कांग्रेस और जेडी (यू) ने आयोग को अपने कुछ देनदारों के नाम छिपाने के लिए विचित्र तरीके की बातें कहीं। बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने कहा कि किसी ने कोलकाता में हमारे ऑफिस में सीलबंद चुनावी बॉन्ड रख दिए जिसका हमें कुछ नहीं पता।

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    Electoral Bonds Case ममता और नीतीश का अटपटा जवाब।

    जागरण डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Electoral Bonds चुनावी बॉन्ड की जानकारी सामने आने के बाद राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस बीच चुनाव आयोग ने बीते दिन विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा सौंपे गए सीलबंद लिफाफों की जानकारी सार्वजनिक की। इस जानकारी में तृणमूल कांग्रेस और जेडी (यू) ने आयोग को अपने कुछ देनदारों के नाम छिपाने के लिए विचित्र तरीके की बातें कहीं।

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    TMC और JDU ने दिया 

    दरअसल, 2018-19 के अपने चुनावी बॉन्ड के खुलासे में दोनों पार्टियों ने विचित्र स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि कुछ गुमनाम व्यक्तियों ने उनको दान दिया है। बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने कहा कि किसी ने कोलकाता में हमारे ऑफिस में सीलबंद चुनावी बॉन्ड रख दिए, जिसका हमें कुछ नहीं पता।

    ऐसी ही बात नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने कही कि उनके पटना ऑफिस में कौन चुनावी बॉन्ड रख गया, उन्हें पता नहीं है। हालांकि, जेडी (यू) ने अप्रैल 2019 में मिले 13 करोड़ में से 3 करोड़ रुपये के दानदाताओं की पहचान का खुलासा किया, लेकिन टीएमसी ने किसी दानदाताओं की पहचान का खुलासा नहीं किया, जिन्होंने 16 जुलाई 2018 और 22 मई 2019 के बीच पार्टी को चुनावी बॉन्ड से लगभग 75 करोड़ रुपये का दान दिया था।

    जेडीयू ने कहा- पता नहीं कौन 10 करोड़ रख गया

    जेडीयू ने चुनाव आयोग से कहा अधिकांश बॉन्ड हमारे कार्यालय में भेजे गए थे और ड्रॉप बॉक्स में डाल दिए गए थे या विभिन्न व्यक्तियों के दूतों के माध्यम से भेजे गए थे, जो हमारी पार्टी का समर्थन करना चाहते थे। पार्टी ने कहा कि कई लोग गुमनाम रहना पसंद करते हैं, इसलिए हमारे पास उनका विवरण नहीं हैं। 

    जद (यू) ने 30 मई 2019 को अपने आवेदन में कहा कि कोई 3 अप्रैल 2019 को पटना में हमारे कार्यालय में आया और बॉन्ड सौंप दिया। एक सीलबंद लिफाफे में हमें 1 करोड़ रुपये के 10 चुनावी बॉन्ड मिले।