मेघालय के राज्यपाल ने कहा, 'थ्येनआनमन चौक' से सीखें दिल्ली की अशांति से निपटने का तरीका
मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय ने ट्वीट कर कहा कि याद कीजिए 1988 में बीजिंग का थ्येनआनमन चौक और देंग जियांगपिंग ने इससे कैसे निपटा था?
शिलांग, प्रेट्र। मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय ने सुझाव दिया है कि चीन की 1989 की थ्येनआनमन चौक की घटना से सीखा जा सकता है कि दिल्ली की योजनाबद्ध अशांति पर कैसे नियंत्रण पाया जाए।
तथागत ने ट्वीट कर कहा, 'याद कीजिए 1988 में बीजिंग का थ्येनआनमन चौक और देंग जियांगपिंग ने इससे कैसे निपटा था? शायद इसमें एक सबक है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली की योजनाबद्ध अशांति से कैसे निपटा जाए। मुझे विश्वास है कि सभी कॉमरेड सहमत होंगे।'
भारत के आंतरिक मामलों पर कोई बात नहीं
अपने इस ट्वीट में उन्होंने चीन की इस घटना का साल 1989 के बजाय 1988 लिखा। गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने अपने ट्वीट का बचाव भी किया। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने दिल्ली में हिंसा के समय पर भी सवाल उठाया और कहा कि इसे ऐसे समय अंजाम दिया गया जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत यात्रा पर थे। लेकिन सच्चे राजनेता की तरह ट्रंप ने अनुच्छेद-370, तत्काल तीन तलाक और सीएए जैसे भारत के आंतरिक मसलों पर कोई बात नहीं की।
अपने पोस्ट को लेकर एक यूजर की प्रतिक्रिया के जवाब में रॉय ने लिखा, 'तंग ने माओवाद के जानलेवा पंथ से चीन को बचा लिया और इसे ऊंचाइयों पर ले गए।' अपने ट्विटर प्रोफाइल पर रॉय ने खुद को दक्षिणपंथी हिंदू सामाजिक राजनीतिक चिंतक, लेखक और विचारक, साथ ही मेघालय का राज्यपाल बताया है। रॉय पश्चिम बंगाल के पूर्व भाजपा अध्यक्ष हैं।