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    सरकार ने की सोनिया गांधी की आलोचना, कहा- नेहरू के दस्तावेज संग्रहालय में होने चाहिए

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 04:26 AM (IST)

    केंद्र सरकार ने बुधवार को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलालनेहरू से जुड़े 51 बॉक्स दस्तावेज अपने पास रखने के लिए आलोचना ...और पढ़ें

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    सरकार ने की सोनिया गांधी की आलोचना, कहा- नेहरू के दस्तावेज संग्रहालय में होने चाहिए

    पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से जुड़े 51 बॉक्स दस्तावेज अपने पास रखने के लिए आलोचना की और कहा कि इन्हें किसी के घर में नहीं बल्कि सार्वजनिक संग्रहालय में होने चाहिए।

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    सरकार ने इन्हें प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (पीएमएमएल) को लौटाने की मांग की है ताकि विद्वानों और संसद की नेहरू काल के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक अभिलेखों तक पहुंच हो सके।

    केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र शेखावत ने एक्स पर एक पोस्ट में 15 दिसंबर को संसद में केंद्र के लिखित जवाब को स्पष्ट किया और कहा कि दस्तावेज के ठिकाने का पता है। इसलिए वे लापता नहीं हैं। यह स्पष्टीकरण कांग्रेस की ओर से लोकसभा में देश के पहले प्रधानमंत्री से जुड़े दस्तावेज पर पूछे गए एक सवाल पर केंद्र पर निशाना साधे जाने के बाद बाद आया है।

    भाजपा सांसद संबित पात्रा के सवाल पर शेखावत ने लोकसभा में लिखित जवाब में कहा था कि पीएमएमएल में पहले प्रधानमंत्री से जुड़ा कोई भी दस्तावेज गायब नहीं है।

    इसके बाद कांग्रेस ने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा था कि भाजपा सरकार सोनिया गांधी पर नेहरू के दस्तावेज अपने पास रखने के आरोप लगा रही है और इसके लिए माफी मांगी जानी चाहिए।शेखावत ने पोस्ट में लिखा कि पीएमएमएल से नेहरू के दस्तावेज गायब नहीं हैं। गायब शब्द का अर्थ है कि स्थान अज्ञात है।

    उन्होंने बताया, 'वास्तव में जवाहरलाल नेहरू के दस्तावेज से भरे 51 बाक्स गांधी परिवार की ओर से 2008 में प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (तत्कालीन एनएमएमएल) से औपचारिक तौर पर वापस लिए गए थे।

    उन्होंने कहा, 'मैं आदरपूर्वक सोनिया गांधी से पूछता हूं कि वह देश का बताएं कि क्या छिपाया जा रहा है। दस्तावेज न लौटाने के लिए दिए जा रहे बहाने उचित नहीं हैं। ये निजी पारिवारिक दस्तावेज नहीं हैं। ये देश के पहले प्रधानमंत्री से संबंधित हैं और ऐसे दस्तावेज सार्वजनिक अभिलेखागार में होने चाहिए, न कि किसी बंद कमरे में।'