Sushma Swaraj Biography: 20 बिंदुओं में जानें कैसा रहा उनका निजी व राजनीतिक जीवन
सुषमा ने मौत से कुछ घंटे पहले अंतिम ट्वीट कर जम्मू-कश्मीर के फैसले पर खुशी व्यक्त की थी। उन्होंने कई इतिहास रचे। 20 बिंदुओं में जानें- उनके निजी व राजनीतिक जीवन के बारे में सब कुछ।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। भाजपा की कद्दावर नेता सुषमा स्वराज का 67 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। सुषमा स्वराज देश की अकेली महिला राजनेता हैं, जिन्हें असाधारण सांसद पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनका निजी और राजनीतिक जीवन सबके लिए प्रेरणा है। भाजपा ही नहीं अन्य दलों के नेता भी उनसे राजनीतिक सलाह लिया करते थे। विपक्ष के तमाम नेताओं के साथ भी उनके पारिवारिक संबंध थे। कोई उन्हें दीदी बुलाता था कोई उन्हें बड़ी बहन कहता था। आइये 20 बिदुओं में जानतें हैं सुषमा स्वराज का निजी व राजनीतिक सफर।
सुषमा स्वराज ने रचे कई इतिहास
1. वह किसी राष्ट्रीय राजनीति दल की पहली महिला प्रवक्ता बनीं थीं।
2. हरियाणा में जनता पार्टी की वह सबसे कम उम्र की प्रभारी रही हैं।
3. हरियाणा सरकार में सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनीं।
4. दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री का रिकॉर्ड भी उनके नाम है।
5. भाजपा की पहली महिला कैबिनेट मंत्री बनीं।
6. अकेली महिला सांसद, जिन्हें आउटस्टैंडिंग पार्लियामैंटेरियन का पुरस्कार मिला।
7. मोदी सरकार में पहली पूर्णकालिक महिला विदेश मंत्री।
8. 2009 में लोकसभा में पहली महिला नेता प्रतिपक्ष बनीं।
9. फिल्म जगत को उद्योग का दर्जा दिया। फिल्म उद्योग को भी बैंक से कर्ज मिलने का रास्ता खुला।
10. भाजपा की पहली महिला राष्ट्रीय मंत्री बनने का रिकॉर्ड।
11. हरियाणा में हिन्दी साहित्य सम्मेलन की चार वर्ष तक अध्यक्ष रहीं।
12. सुषमा के पति कौशल सबसे कम उम्र में राज्यपाल बनने वाले व्यक्ति हैं।
13. सुषमा और उनके पति कौशल की उपलब्धियों का रिकॉर्ड दर्ज करते हुए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड ने इन्हें विशेष दंपति का स्थान दिया है।
14. विदेश मंत्री रहने के दौरान सुषमा स्वराज का नाम ट्विटर पर सबसे ज्यादा फॉलो की जाने वाली विदेश मंत्री के तौर पर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था। उनके निधन तक उनका ये रिकॉर्ड कायम रहा।
15. महज 20 वर्ष की उम्र में सुप्रीम कोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस शुरू कर दी थी।
16. सुषमा स्वराज को अटल-आडवाणी का भरपूर स्नेह मिला। इसके बाद मोदी-शाह की जोड़ी के भी बेहद करीब रहीं। एक समय था जब भाजपा में अटल बिहारी वायपेयी के बाद सुषमा स्वराज और प्रमोद महाजन सबसे लोकप्रिय नेता थे।
17. सड़क से लेकर संसद तक उनकी गिनती डी (दिल्ली)- फोर में होती थी। उनके अलावा शेष तीन नाम प्रमोद महाजन, अरुण जेटली और वेंकैया नायडू थे।
18. सुषमा स्वराज केवल भारतीयों के लिए ही नहीं, पाकिस्तानी और बहुत से विदेशियों के लिए मसीहा रहीं हैं। 11 अक्टूबर 2017 को पाकिस्तानी महिला नीलिमा गफ्पार का भारत में इलाज करने के लिए उन्होंने तत्काल वीजा जारी कराया था। नीलिमा के पति ने सुषमा स्वराज से इसके लिए अनुरोध किया था।
19. गलती से पाकिस्तान पहुंच गई मूक-बधिर युवती गीता की 10 वर्ष बाद सुषमा की वजह से ही भारत वापसी संभव हो सकी। 26 अक्टूबर 2015 को जब वह वापस लौटी तो सुषमा ने उसे भारत की बेटी कहा था। इतना ही नहीं उन्होंने गीता के माता-पिता की तलाश के लिए एक लाख रुपये का ईनाम भी घोषित किया था।
20. 2019 का लोकसभा चुनाव न लड़ने का फैसला लेने के बाद सुषमा स्वराज ने एक माह की निर्धारित अवधि खत्म होने से पहले ही सरकारी आवास खाली कर दिया और जंतर-मंतर स्थित अपने निजी फ्लैट में शिफ्ट हो गईं थीं। ये उनके व्यक्ति का बहुत बड़ा उदाहरण है। सुषमा ने अपने राजनीतिक या निजी जीवन में कभी ऐसा काम नहीं किया जिससे उनके परिवार या पार्टी की साख पर कोई आंच आए।
Sushma Swaraj के पति ने उनके लिए दांव पर लगा दिया अपना राजनीतिक करियर
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