प्रियंका चतुर्वेदी के इस्तीफे पर सुरजेवाला का बयान, कहा- यह मेरे नेतृत्व की विफलता
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि यह उनके नेतृत्व की विफलता थी जिस कारण प्रियंका चतुर्वेदी को इस्तीफा देना पड़ा। चतुर्वेदी शुक्रवार को शिवसेना में शामिल हो गई।
नई दिल्ली,जेएनएन। कांग्रेस प्रवक्ता रही प्रियंका चतुर्वेदी पीछले कुछ दिनों से अपने साथ हुई अभद्र व अमर्यादित व्यवहार को लेकर पार्टी से नाराज थी, जहां उन्होंने शुक्रवार को पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिख, सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के बाद तमाम तरह के बयानों ने राजनीतिक गलियारों में अपनी जगह बनाई, लेकिन इस बीच आए कांग्रेस के संचार प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला के बयान ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींच लिया। सुरजेवाला ने शुक्रवार को कहा कि यह उनके नेतृत्व की विफलता थी जिस कारण प्रियंका चतुर्वेदी को इस्तीफा देना पड़ा।
सुरजेवाला ने कहा, जब भी कोई पार्टी का सदस्य पार्टी छोड़ता है, तो यह हमारे लिए काफी दुखद होता है। लोग अपने करियर की प्रगति की तलाश करते हैं। हम प्रियंका चतुर्वेदी सहित सभी को शुभकामनाएं देते हैं। उन्होंने आगे कहा कि वह खुलकर ऑन रिकॉर्ड ये स्वीकार करते हैं कि हां, यह मेरे नेतृत्व का प्रतिबिंब है। बता दें कि चतुर्वेदी शुक्रवार को शिवसेना में शामिल हो गई, उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने उनके साथ दुर्व्यवहार करने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाप कुछ कार्रवाई नहीं की। इस बात से वो काफी दुखी थी।
दरअसल, प्रियंका ने पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मथुरा में राफेल डील को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस दौरान कांग्रेस के ही कार्यकर्ताओं ने प्रियंका से अभद्र व अमर्यादित व्यवहार किया था। प्रियंका ने इसकी शिकायत कांग्रेस अनुशासनात्मक कमेटी से की थी। शिकायत को संज्ञान में लेते हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने दोषी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की।हालांकि,बाद में पार्टी ने दोषी कार्यकर्ताओं के खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई को निरस्त कर दिया, जिसके बाद से प्रियंका पार्टी से नाराज थी। उन्होंने पार्टी के इस कदम के खिलाफ ट्विटर पर निराशा भी प्रकट की थी।
उन्होंने ट्वीट किया, 'बड़े ही दुख की बात है कि पार्टी मारपीट करने वाले बदमाशों को अधिक वरियता देती है, बजाय जो खून-पसीने के साथ काम करते हैं। पार्टी के लिए मैंने अभद्र भाषा से लेकर हाथापाई तक झेली, लेकिन फिर भी जिन लोगों ने मुझे पार्टी के अंदर धमकी दी, उनके साथ कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं हुई। वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं।'