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    'अचानक लॉकडाउन से पैदा हुई घबराहट और भ्रम की स्थिति', राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

    By Nitin AroraEdited By:
    Updated: Sun, 29 Mar 2020 05:34 PM (IST)

    पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार से वायरस के प्रसार से निपटने के लिए और अधिक जरूरी दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया। ...और पढ़ें

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    'अचानक लॉकडाउन से पैदा हुई घबराहट और भ्रम की स्थिति', राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

    नई दिल्ली, एजेंसी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर कहा कि अचानक लॉकडाउन से देश में भारी घबराहट और भ्रम पैदा हो गया है। कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री से देश पर कोरोना वायरस के विनाशकारी प्रभाव पर विचार करने का आग्रह किया। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को देश को संबोधित करते हुए कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पूरे देश में 21 दिन के लिए लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी।

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    राहुल ने कहा कि भारत का परिदृश्य अन्य बड़े देशों से अलग है और इसलिए वहां उठाए जा रहे कदमों को यहां इस्तेमाल नहीं कर सकते। राहुल ने लिखा, 'भारत में गरीब लोगों की संख्या जो एक दैनिक आय पर निर्भर हैं, उनके लिए एकतरफा आर्थिक गतिविधियों को बंद करना एक बहुत बड़ी बात है।

    पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार से वायरस के प्रसार से निपटने के लिए और अधिक जरूरी दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, 'हमें तुरंत सामाजिक सुरक्षा जाल को मजबूत करना चाहिए और हर सार्वजनिक संसाधन का उपयोग करना चाहिए।'

    राहुल ने महामारी को लेकर सरकार के वित्तीय पैकेज की घोषणा की सराहना की और कहा कि अब इस पैकेज का शीघ्र वितरण भी उतना ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने वेंटिलेटर का उत्पादन बढ़ाने, अधिक परीक्षण करने और अधिक बड़ी क्षमता वाले अस्पताल स्थापित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

    बता दें कि रविवार को सरकार ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि वे एक शहर से दूसरे शहर में लोगों की आवाजाही पर रोक लगाएं। मजदूी की सही समय पर भुगतान सहित अपने काम के स्थान पर प्रवासी मजदूरों के लिए सभी व्यवस्थाएं की जानी चाहिए। छात्रों या मजदूरों को घर खाली करने के लिए कहने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। देश में कुल मामलों की संख्या 1050 तक पहुंच गई है। इनमें 86 लोग ठीक होकर हर जो चुके हैं, वहीं 27 लोगों की अब तक जान चली गई है।