'बाबर और आप में फिर फर्क क्या...', संभल हिंसा को लेकर योगी के बयान पर बरसीं सपा सांसद इकरा; बीफ बैन पर भी साधा निशाना
Ikra hasan on Sambhal violence असम में सरमा सरकार द्वारा होटलों और सार्वजनिक स्थानों पर बीफ खाने पर बैन लगाने के फैसले का समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन ने विरोध किया है। उन्होंने हिमंत के इस फैसले को लेकर भाजपा पर भी तंज कसा। वहीं इकरा ने संभल हिंसा पर सीएम योगी के बयान पर भी निशाना साधा है।

एएनआई, नई दिल्ली। Ikra hasan on Sambhal violence असम में हिमंत सरमा सरकार द्वारा होटलों और सार्वजनिक स्थानों पर बीफ खाने पर बैन लगाने के फैसले का समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन ने विरोध किया है। उन्होंने हिमंत के इस फैसले को लेकर भाजपा पर भी तंज कसा।
भाजपा पर कसा तंज
सपा सांसद (Ikra hasan on Sambhal violence ) ने कहा कि यह स्वतंत्रता के अधिकार के खिलाफ है और अगर भाजपा सरकार निजी जीवन में हस्तक्षेप करना जारी रखेगी तो देश तानाशाही की ओर बढ़ जाएगा। यह देश की खूबसूरती है कि हमारे यहां अलग-अलग संस्कृतियों और धर्मों को मानने वाले लोग हैं। इस तरह के फैसले संविधान के खिलाफ हैं।
संभल हिंसा पर सीएम योगी पर निशाना साधा
आज सीएम योगी (Ikra hasan on Sambhal violence) ने कहा कि सभी को याद है कि बाबर और उसकी सेना ने 500 साल पहले अयोध्या कुंभ में क्या किया, वही अब संभल और बांग्लादेश में हो रहा है। इसपर इकरा हसन ने जवाब देते हुए कहा कि अल्पसंख्यकों पर लगातार हमला करना ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा कि संभल में जो हुआ, उसे 500 साल पहले की घटना से जोड़ना सही नहीं। 500 साल पहले राजतंत्र था और आज लोकतंत्र है। अगर हम लोकतंत्र में भी राजतंत्र जैसा व्यवहार करेंगे, तो हममें और उनमें अंतर ही क्या होगा। इकरा ने कहा कि देश को संविधान के मुताबिक काम करना होगा।
#WATCH | Delhi: Samajwadi Party MP Iqra Hasan says, "It is not right to constantly attack minorities. What happened in Sambhal, which they are linking to an incident of 500 years ago, 500 years ago there was a monarchy and today there is democracy. If we behave like them… https://t.co/hWIeFjOZhT pic.twitter.com/aoql6U8VkT
— ANI (@ANI) December 5, 2024
अयोध्या की हार पर कसा तंज
सपा सांसद ने कहा कि हमारा परिवार पीडीए है, जिसने यूपी लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराया है। हम भाजपा से मजबूती से लड़ते रहेंगे। अयोध्या में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने दिया क्योंकि वे अपनी हार से डर गए थे। अगर अयोध्या के लोग उनके काम से खुश होते तो वे भाजपा का सांसद चुनते।
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