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    भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी सरकार के कड़े कदम

    अाइये जानते हैं भ्रष्टाचार की लड़ाई में मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कड़े कदम।

    By Vikas JangraEdited By: Updated: Sun, 27 May 2018 10:20 AM (IST)
    भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी सरकार के कड़े कदम

    नई दिल्ली (जेएनएन)। भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग की बात हर सरकार करती है लेकिन क्या एकजुट प्रयास के बिना इससे मुक्ति मिल सकती है? कभी नहीं। केंद्र में सरकार गठन के साथ ही मोदी सरकार ने पहला फैसला 27 मई को कालाधन के खिलाफ किया था जो भ्रष्टाचार का बड़ा कारण है। कुछ बात बढ़ी लेकिन बहुत कुछ होना बाकी है और यह तभी संभव है जब राज्य सरकारें भी कृतसंकल्पित दिखें। अाइये जानते हैं भ्रष्टाचार की लड़ाई में मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कड़े कदम। 

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    ब्लैक मनी पर एसआइटी 

    एसआइटी ने 70,000 करोड़ रुपये से अधिक के काले धन का पता लगाया। इनमें 16 हजार करोड़ अकेले बेनामी खातों में जमा है। एसआइटी की अधिकतर सिफारिशें मोदी सरकार ने मानीं। 

    नोटबंदी 

    8 नवंबर, 2016 को ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद कर दिया। काला धन जमा करने वालों पर सबसे कड़ा प्रहार करते हुए सरकार ने बाजार के सारे पैसे को बैंकिंग प्रणाली में वापस लाया। सूदखोर- महाजनों की समानांतर बैंकिंग पर भी करारा चोट किया। 

    डबल टैक्स अवॉइडेंस एग्रीमेंट (डीटीएए) 

    कर चोरी कर विदेशी खातों में जमा किए गए काले धन को वापस लाने के लिए सरकार ने स्विट्जरलैंड, सिंगापुर, मॉरीशस और पनामा जैसे टैक्स हेवन देशों के साथ संधि की। इससे 

    समय रहते सूचनाओं को साझा कर किसी भारतीय के संदिग्ध बैंकिंग लेनदेन की जानकारी हासिल की जा सकेगी। 

    आधार-पैन को खाते से जोड़ा 

    सरकार ने आधार और पैन के साथ बैंक खातों को जोड़ने की योजना शुरू की। इससे फर्जी या बेनामी खातों को पकड़ने में आयकर विभाग को बड़ी सफलता मिली। इसके जरिये बैंक खातों से बड़े और संदिग्ध लेनदेन को ट्रैक करना भी आसान हो गया।   

    बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन अधिनियम, 2016 

    बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन अधिनियम, 2016 एक नवंबर को लागू किया गया। इसके तहत सरकार कई बेनामी संपत्तियों का पता लगाने में सक्षम बनी। इस अधिनियम में काले धन का इस्तेमाल कर खरीदी गई बेनामी संपत्तियों को जब्त करने का प्रावधान किया गया। 

    दो लाख शेल कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई 

    शेल कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए सरकार ने दो लाख से अधिक कंपनियों के पंजीकरण को रद कर दिया। इन शेल कंपनियों पर मनी लांड्रिंग में शामिल रहने का संदेह था। सरकार ने ऐसी कंपनियों के निदेशकों के बैंकिंग लेनदेन पर भी रोक लगा दी। 

    कालेधन की घोषणा 

    मोदी सरकार ने ब्लैक मनी की घोषणा करने वालों को 25 फीसद टैक्स और जुर्माना देने पर उनका काला धन सफेद करने का मौका दिया। इस योजना से देश भर में 67,300 करोड़ रुपये के कालेधन का पता चला। पीएम मोदी की खरी-खरी भ्रष्टाचार से लड़ाई में किसी को नहीं बख्शा जाएगा। तीन मुख्यमंत्री जेल में सड़ रहे हैं, क्योंकि सरकार भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं कर रही। 

    (28 जनवरी, 2018 एनसीसी रैली, नई दिल्ली )

    - सत्ता सुख के लिए नहीं सेवा के लिए है। मेरा कोई रिश्तेदार नहीं, जो भ्रष्टाचार करेगा वह हर हाल में पकड़ा जाएगा। (25 सितंबर, 2017-भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी, नई दिल्ली )

    - बहुत सी ऐसी चीजें होती हैं, जो दिखाई नहीं देतीं हैं। कोई इस चीज को नहीं समझ सकता कि मैं किस तरह की गंदगी का सामना कर रहा हूं। जो काम कर रहा है, उसी को पता है कि कितनी गंदगी है। इसके पीछे कई तरह की ताकतें हैं।  (22 जनवरी, 2018-टाइम्स नाउ के साथ इंटरव्यू में )

    - हम भ्रष्टाचार बंद करना चाहते हैं और वो भारत। आने वाले दिनों में देश स्वीकार करेगा कि नोटबंदी का फैसला कठोर था, लेकिन भविष्य उज्ज्वल है।  (27 नवंबर, 2016-यूपी के कुशीनगर की परिवर्तन रैली में)