Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    यूपी, बंगाल सहित 12 राज्यों से आज से SIR की शुरुआत... कब भरा जाएगा फॉर्म, क्या है प्रोसेस; पूरी डिटेल

    By Arvind PandeyEdited By: Swaraj Srivastava
    Updated: Tue, 28 Oct 2025 06:00 PM (IST)

    चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों में विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) का दूसरा चरण शुरू किया है। यह प्रक्रिया 27 अक्टूबर से शुरू होकर 7 फरवरी तक चलेगी। बिहार में सफल एसआईआर के बाद, कुछ बदलाव किए गए हैं ताकि मतदाताओं को अधिक सुविधा मिले। इन राज्यों में लगभग 51 करोड़ मतदाता हैं। एसआईआर का उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध और पारदर्शी बनाना है, खासकर शहरीकरण और गलत नामों के जुड़ने जैसी समस्याओं को दूर करना है।

    Hero Image

    एसआईआर का काम मंगलवार यानी 27 अक्टूबर से शुरू हो जाएगा 

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बिहार में मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) का काम पूरा होने के बाद चुनाव आयोग ने सोमवार को उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ सहित 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआइआर के दूसरे चरण की घोषणा की है। जिसमें एसआईआर का काम मंगलवार यानी 27 अक्टूबर से शुरू हो जाएगा और सात फरवरी तक चलेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसमें असम को छोड़ वे चार राज्य भी शामिल है, जहां अगले साल यानी 2026 की शुरूआत में ही विधानसभा चुनाव होने है। इनमें पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु व पुद्दुचेरी शामिल है। असम में सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में चल रही नागरिकता की जांच के चलते आयोग ने यहां बाद में एसआइआर कराने का फैसला लिया है। यह जांच लगभग अंतिम चरण में है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर इसकी घोषणा की।

    चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी जानकारी

    इस मौके पर दोनों चुनाव आयुक्त डॉ. एसएस संधू और डा विवेक जोशी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि बिहार में सफलतापूर्वक कराए गए एसआईआर और उनके अनुभवों के आधार पर दूसरे चरण में कुछ गणना फार्म सहित दस्तावेज आदि की जांच के तरीके में कुछ बदलाव किया गया है। इससे मतदाताओं को और ज्यादा सहूलियत मिलेगी। जिन 12 राज्यों में दूसरे चरण में एसआईआर का काम होने जा रहा है, उनमें मतदाता की संख्या करीब 51 करोड़ है।

    इनमें सबसे अधिक 15.44 करोड़ मतदाता अकेले उत्तर प्रदेश में है, जबकि पश्चिम बंगाल में 7.66 करोड़, तमिलनाडु में 6.41 करोड़, मध्य प्रदेश में 5.74 करोड़, राजस्थान में 5.48 करोड़ व छत्तीसगढ़ में 2.12 करोड़ मतदाता है। मुख्य चुनाव आयुक्त कुमार ने इस दौरान साफ किया है कि जिन 12 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में एसआईआर की घोषणा की गई है, उन सभी राज्यों की मतदाता सूची तत्काल प्रभाव से फेरबदल पर रोक लगा दी है।

    इस बीच इनमें न तो कोई नाम जोड़ा जा सकेगा न ही हटाया जा सकेगा। एसआईआर के दौरान प्रत्येक मतदाता को एक यूनिक फार्म दिया जाएगा। जिसमें पुराना पता, फोटो आदि छपा हुआ होगा। यदि मतदाता उस पते पर नहीं रह रहा है तो वह उसमें संशोधन कर सकता है। आयोग ने इस दौरान मतदाताओं को सुझाव दिया है कि गणना फार्म में अपने रंगीन फोटो लगाए ताकि जो पहचान पत्र जारी किए जाने है उनमें चेहरे उभरकर सामने आ सके।

    इन 12 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश में आज से शुरू होगा एसआईआर

    उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, राजस्थान, केरल, गुजरात, गोवा, पुंडुचेरी, लक्षद्वीप और अंडमान निकाबोर। इनमें से पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल व पुंडुचेरी में अगले साल यानी 2026 की शुरूआत में विधानसभा चुनाव है। जबकि उत्तर प्रदेश, गुजरात, गोवा में 2027 में विधानसभा होने है।

    इन सभी 12 राज्यों में एसआईआर का कार्यक्रम

    गणना पत्रों की छपाई व बीएलओ को प्रशिक्षण- 28 अक्टूबर 2025 से तीन नवंबर 2025 तक।
    घर-घर जाकर पुनरीक्षण का काम- चार नवंबर 2025 से चार दिसंबर 2025 तक।
    मतदाता सूची के मसौदे का प्रकाशन- 09 दिसंबर 2025
    दावे और आपत्तियों का समय-09 दिसंबर 2025 से 08 जनवरी 2026 तक।
    दस्तावेजों की जांच के लिए नोटिस, सुनवाई, सत्यापन: 09 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक
    अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन- 07 फरवरी 2026

    अब तक आठ बार एसआईआर

    मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण का काम देश में कोई पहली बार नहीं हो रहा है। 1951 से 2004 तक यह देश में आठ बार हो चुका है। अंतिम बार यह 21 साल पहले 2002 से 2004 के बीच देश के अधिकांश राज्यों में हुआ था।

    आयोग ने कहा कि एसआईआर का यह काम राजनीतिक दलों की ओर से लगातार मतदाता सूची की गडबडि़यों को लेकर उठाए जा रहे सवालों के बाद शुरू किया गया है। इसके जरिए मतदाता सूची को पूरी तरह से शुद्ध और पारदर्शी बनाने का लक्ष्य है।

    एसआईआर क्यों जरूरी?

    आयोग ने इस दौरान बताया कि एसआइआर क्यों जरूरी है। आयोग के मुताबिक बदलते शहरीकरण में लोगों का तेजी से विस्थापन हो रहा है। यह इसकी एक बड़ी वजह है। दूसरा इसके चलते कई जगहों पर लोगों के मतदाता सूची में दो-दो जगह से नाम दर्ज है। तीसरा मतदाता सूची में मतदाताओं के मृत होने के बाद भी नामों का हटाया न जाना है।

    चौथी वजह देश के तमाम हिस्सों में गलत तरीके से घुसपैठ करके बड़ी संख्या में लोगों ने मतदाता सूची में गलत तरीके से नाम जुड़वा लिया है। एसआइआर के दौरान इन सभी पहलुओं की गंभीरता से जांच हो सकेगी।

    'किसी दल से कोई मनमुटाव नहीं'

    पश्चिम बंगाल में एसआईआर को लेकर सत्ताधारी दलों की ओर से की जा रही विरोधी टिप्पणियों से जुडे सवाल पर मुख्य चुनाव आयुक्त कुमार ने कहा कि एसआइआर एक संवैधानिक प्रक्रिया है। संविधान के तहत राज्य सरकारें चुनाव आयोग को हर तरह का सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है। कानून व्यवस्था राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है। वैसे तो अब तक पश्चिम बंगाल या किसी भी राज्य से उन्हें किसी तरह असहयोग नहीं किया गया है। उम्मीद है कि सभी राज्य अपनी जिम्मेदारी अच्छे से समझते है और वे कोई ऐसी स्थिति नहीं पैदा होने देंगे।

    बिहार एसआईआर के दौरान आयोग पर वोट चोरी जैसे लगाए गए आरोपों पर आयोग ने कहा कि शीर्ष स्तर पर भले ही राजनीतिक दलों ने कुछ भी टिप्पणी की हो लेकिन जमीनी स्तर पर राजनीतिक दलों ने पूरा सहयोग किया। राजनीतिक दलों से जुड़े बूथ लेवल एजेंट रहे है या जिला अध्यक्ष सभी ने सहयोग किया। आयोग का किसी दल से कोई मनमुटाव नहीं है न ही वह किसी के खिलाफ टिप्पणी करता है।