NEP 2020: शिवराज चौहान बोले, सिंगापुर के सहयोग से बनेगा 600 करोड़ का ग्लोबल स्किल पार्क
वेबिनार के तहत विमर्श का शुभारंभ करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राज्य की शिक्षा विश्व स्तरीय होगी।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नई शिक्षा नीति का प्रदेश में आदर्श क्रियान्वयन होगा। बच्चों को सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं दिया जाएगा, बल्कि उन्हें हुनरमंद बनाया जाएगा। तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश में 600 करोड़ रुपये की लागत से सिंगापुर के सहयोग से ग्लोबल स्किल पार्क के विकास की योजना है। इसके क्रियान्वयन की गति बढ़ाई जाएगी।
वेबिनार में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी विचार रखे। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में पहली से पांचवीं कक्षा तक मातृभाषा में ही पढ़ाई कराई जाएगी। कक्षा छठी से विद्यार्थी व्यावसायिक शिक्षा से जुड़ जाएंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कोई बच्चा शिक्षा से नहीं छूटेगा। 'आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश' का रोडमैप बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा आयोजित वेबिनार में मंथन जारी है। तीसरे दिन सोमवार का विषय 'स्वास्थ्य और शिक्षा' था।
केंद्रीय मंत्री निशंक ने संबोधित करते हुए कहा कि विश्व के अनेक देशों में मातृभाषा को सर्वोच्च महत्व दिया गया है। भारत में पहली बार आठवीं अनुसूची में शामिल भारतीय भाषाओं को शिक्षा से जोड़ा गया है। रिपोर्ट कार्ड नहीं प्रोग्रेस कार्ड मिलेगा केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत विद्यार्थी स्वयं का मूल्यांकन करेगा। उसे रिपोर्ट कार्ड नहीं प्रोग्रेस कार्ड प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि 'स्टडी इन इंडिया', 'स्टे इन इंडिया' के तहत भारत के विद्यार्थियों को प्राप्त शिक्षा भारत के काम आए, यह प्रयास होंगे।
विश्व स्तरीय होगी मध्य प्रदेश की शिक्षा
वेबिनार के तहत विमर्श का शुभारंभ करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राज्य की शिक्षा विश्व स्तरीय होगी। नई शिक्षा नीति का आदर्श क्रियान्वयन होगा। चौहान ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में भी 'आयुष्मान भारत' योजना ने नया सहारा दिया है। यह योजना मार्गदर्शक सिद्ध हो रही है। प्रदेश में दूरस्थ ग्रामीण अंचलों तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जाएंगी।
मध्य प्रदेश में डॉक्टरों की संख्या कम : डॉ. सारवाल
वेबिनार में नीति आयोग के एडिशनल सेक्रेटरी डॉ. राकेश सारवाल ने शिशु और मातृ मृत्यु दर की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि प्रदेश में करीब 88 प्रतिशत आधार कार्ड एनरोल है। राज्य में नागरिकों की आवश्यकता के अनुरूप डॉक्टरों की संख्या कम है। इसे बढ़ाए जाने की तत्काल आवश्यकता है। डॉ. सारवाल ने निजी क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज खोले जाने पर जोर दिया।
शिवराज ने यह भी कहा
-शिक्षा सर्व सुलभ हो, हर बच्चा स्कूल जाए लेकिन बस्ते का बोझ न हो।
-नए स्कूल खोलने का फैशन बढ़ गया है, नगण्य विद्यार्थी संख्या के बावजूद विद्यालय प्रारंभ करना उचित नहीं।
-नैतिक शिक्षा पर भी हम पर्याप्त ध्यान देंगे। पूर्व में नैतिक शिक्षा पर जोर दिया जाता रहा है। इसे पुन: महत्व दिया जाएगा।
-संगीत नृत्य और योग की शिक्षा देना भी प्राथमिकता होगी।
-शिक्षकों के प्रशिक्षण पर भी ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है।
-स्वास्थ्य सूचकांकों के सुधार पर ध्यान दिया जाए।
-शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर में कमी आए।
-यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज का लक्ष्य हो।