'अश्लील और असंवेदनशील', बालासाहेब की मौत पर टिप्पणी को लेकर घमासान; उद्धव गुट ने किया पलटवार
शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के निधन पर रामदास कदम की टिप्पणी से शिवसेना यूबीटी और शिंदे गुट में विवाद बढ़ गया है। अनिल परब ने कदम के खिलाफ मानहानि का मुकदमा करने की घोषणा की है और मुआवजे को किसानों को दान करने की बात कही है। कदम ने बालासाहेब के अंतिम दिनों को लेकर सीबीआई जांच की मांग की है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के निधन पर रामदास कदम की टिप्पणी के बाद शिवसेना यूबीटी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के बीच राजनीतिक घमासान और भी तेज हो गया है। तीन दिन पुराना यह विवाद दोनों शिवसेना गुटों के नेताओं के बीच बहस के साथ और भी गहराता जा रहा है।
कदम के जवाब में शिवसेना (यूबीटी) नेता और एमएलसी अनिल परब ने घोषणा की कि वह कदम के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे और कहा कि जो भी मुआवजा मिलेगा, वह किसानों को दान कर दिया जाएगा।
'कदम ने कीं अश्लील और असंवेदनशील टिप्पणियां'
परब ने कदम पर अपमानजनक स्तर तक गिरने का आरोप लगाया और कहा कि बालासाहेब ठाकरे के अंतिम क्षणों के बारे में की गई टिप्पणियां अश्लील और असंवेदनशील थीं। परब ने कहा, "बालासाहेब की बीमारी का राजनीतिकरण किया जा रहा है। डॉक्टरों की एक टीम चौबीसों घंटे उनकी हालत पर नजर रख रही थी। मैं उनके अंतिम क्षणों में मौजूद था और इसका गवाह हूं।"
उन्होंने कदम की पत्नी से जुड़ी 1993 की एक घटना का भी जिक्र किया और पूर्व मंत्री द्वारा ऐसे आरोप लगाने के नैतिक आधार पर सवाल उठाया। परब ने कहा, "वे अपनी गलतियों को छिपाते हैं और दूसरों पर उंगली उठाते हैं।" उन्होंने आगे कहा कि कदम को "उद्धव ठाकरे के प्रति जनता के स्नेह को कम करने के लिए आगे बढ़ाया जा रहा है।"
कदम ने किया पलटवार
कदम ने पलटवार करते हुए कहा कि वह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर बालासाहेब ठाकरे की मौत से जुड़े दावों की सीबीआई जांच की मांग करेंगे। कदम ने कहा, "मैं अब तक चुप रहा, लेकिन अब मैं सीबीआई जांच की मांग करूंगा। सच सामने आने दो।" उन्होंने आरोप लगाया कि बालासाहेब ठाकरे के निधन की खबर में देरी की गई और उनके अंतिम दिनों में प्रमुख राजनीतिक नेताओं को उनसे मिलने नहीं दिया गया।
परब द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कदम ने कहा, "वे मुझे बदनाम कर रहे हैं। मेरी पत्नी खाना बना रही थी, तभी दो स्टोव फट गए और आग लग गई। मैं इस मामले को 100 प्रतिशत अदालत में ले जाऊंगा।"
क्या है मामला?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब कदम ने मुंबई के नेस्को सेंटर में शिंदे गुट की दशहरा रैली में अपने संबोधन के दौरान आरोप लगाया कि बालासाहेब ठाकरे के निधन की सार्वजनिक घोषणा से पहले उनके पार्थिव शरीर को दो दिन तक मातोश्री में रखा गया था। यूबीटी गुट ने इस आरोप को "अपमानजनक और मानहानिकारक" करार दिया।
हालांकि उद्धव ठाकरे ने सीधे जवाब देने से यह कहते हुए परहेज किया कि वह "देशद्रोहियों को जवाब नहीं देते", लेकिन अब इस मुद्दे ने कानूनी मोड़ ले लिया है और दोनों पक्ष अदालती कार्रवाई की धमकी दे रहे हैं तथा जांच की मांग कर रहे हैं।
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