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    शिवसेना ने माना, मंत्री पद की 'कुर्सी' को लेकर महा विकास अघाड़ी में खींचतान हुई

    By Shashank PandeyEdited By:
    Updated: Thu, 02 Jan 2020 01:00 PM (IST)

    महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार को लेकर कांग्रेस एनसीपी और शिवसेना के बीच खींचतान हुई थी। यह बात खुद उद्धव की पार्टी की ओर से स्वीकार की गई है। ...और पढ़ें

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    शिवसेना ने माना, मंत्री पद की 'कुर्सी' को लेकर महा विकास अघाड़ी में खींचतान हुई

    मुंबई, प्रेट्र। महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई सुगबुगाहट शुरू हो रही है। पिछले दिनों महाराष्ट्र में उद्धव सरकार ने अपना कैबिनेट विस्तार किया। अब इसी कैबिनेट विस्तार से जुड़ी एक बात खुद शिवसेना सामने लेकर आई है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, शिवसेना ने गुरुवार को ये स्वीकार किया कि जल्द हुए कैबिनेट विस्तार के समय महाराष्ट्र की तीनों सत्तारूढ़ पार्टियों(कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना) के वरिष्ठ नेताओं के बीच मंत्री पद की कुर्सी को लेकर खींचतान हुई।

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    शिवसेना ने इस बात को स्वीकार करते हुए इसपर अपनी सफाई भी दी। उनकी पार्टी की ओर से कहा गया है कि कई विधायकों को मंत्री पद नहीं मिल पाए क्योंकि संभावितों की सूची काफी लंबी थी।

    कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन पर टिप्पणी

    इस दौरान शिवसेना ने पुणे में कांग्रेस कार्यालय के बाहर हुए प्रदर्शन की ओर भी ध्यान आकृष्ट किया, जहां पार्टी कार्यकार्ता, विधायक संग्राम थोपटे को उद्धव कैबिनेट में शामिल नहीं किए जाने से नाराज दिखे और उन्होंने इसको लेकर भारी विरोध प्रदर्शन किया। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के एक संपादकीय में कहा, 'कांग्रेस, शिवसेना के विरोध प्रदर्शन को राडा संस्कृति' (गुंडागर्दी) कहती है, लेकिन जो थोपटे के समर्थकों ने किया वह भी ठीक वैसा ही था। यह कांग्रेस की संस्कृति के अनुरूप नहीं है।'

    गौरतलब है महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महीनों पुरानी अपनी कैबिनेट का विस्तार किया। मंत्रालय ने सोमवार को इसमें 36 मंत्रियों को शामिल किया।

    कैबिनेट विस्तार पर शिवसेना ने रखे विचार

    शिवसेना ने सामना में आगे लिखा, 'मंत्रिमंडल विस्तार वास्तव में देरी से हुआ लेकिन यह आखिरकार हुआ। कुछ लोगों में निराशा की चिंगारियां थीं क्योंकि वो आखिरी सूची में जगह नहीं बना पाए, लेकिन संभावितों की सूची बहुत बड़ी थी।'

    भाजपा पर साधा निशाना

    शिवसेना ने आगे कहा कि विपक्षी पार्टी(बीजेपी) इस तरह की बातों से बहुत खुश हो रही होगी लेकिन यहां बताना जरूरी है कि पिछली देवेंद्र फडणवीस सरकार भी इससे अछूती नहीं थी। उसके मंत्रिमंडल विस्तार के समय भी ऐसा हो चुका है। उद्धव की अगुवाई वाली पार्टी ने कहा कि उसने तीन निर्दलीय, जिन्होंने शिवसेना को समर्थन दिया था उन्हें भी शामिल करके अपनी बात रखी है। ऐसा कांग्रेस और एनसीपी ने नहीं किया। शिवसेना ने कहा, 'एक मजबूत और अनुभवी कैबिनेट सत्ता में है, इसे काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए।'

    MLA भास्कर जाधव पर दी सफाई

    शिवसेना के विधायक भास्कर जाधव के द्वारा कैबिनेट में शामिल ना किए जाने पर आश्चर्य जताए जाने पर सामना में लिखा गया, 'जाधव सहित किसी को भी कैबिनेट में जगह देने का वादा नहीं किया गया था, जो एनसीपी छोड़ने के बाद ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल हो गए।

    शिवसेना ने कहा, 'जाधव ने दावा किया कि ठाकरे ने उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने का वादा किया था, हमारी जानकारी के अनुसार, ऐसा कोई वादा नहीं किया गया था। ठाकरे ने उन्हें शिवसेना में शामिल होने के लिए कहा होगा। यह विधानसभा चुनाव और सरकार का हिस्सा हो सकता है।'

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