Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    तो क्या कांग्रेस के हो जाएंगे उद्धव और शरद पवार? शशि थरूर के बयान ने बढ़ाई सियासी हलचल

    Shashi Tharoor News थरूर ने छोटी पार्टियों के कांग्रेस में संभावित विलय पर कुछ लोगों के विचारों से सहमती व्यक्त की है। थरूर ने एक बैठक में कहा कि ​​छोटी पार्टियों का कांग्रेस के साथ गठबंधन या विलय होना गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि अगर विचारधारा एक ही है तो अलग होने की जरूरत नहीं है।

    By Agency Edited By: Mahen Khanna Updated: Mon, 13 May 2024 10:37 AM (IST)
    Hero Image
    Shashi Tharoor News शशि थरूर ने छोटे दलों को दी अलग राय।

    एजेंसी, मुंबई। Shashi Tharoor News कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर के दूसरी पार्टियों को लेकर दिए एक बयान ने सियासी हलचल बढ़ा दी है। थरूर ने छोटी पार्टियों के कांग्रेस में संभावित विलय पर कुछ लोगों के विचारों से सहमती व्यक्त की है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    छोटे दलों का कांग्रेस में विलय पर रखी राय

    थरूर ने एक संवादाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जहां तक ​​छोटी पार्टियों के कांग्रेस के साथ गठबंधन या विलय का सवाल है, मुझे लगता है कि अगर विचारधारा एक ही है तो अलग होने की क्या जरूरत है? देखते हैं क्या होता है।

    बता दें कि एक अखबार को दिए साक्षात्कार में शरद पवार ने भविष्यवाणी की थी कि अगले कुछ वर्षों में कई क्षेत्रीय दल कांग्रेस में विलय कर सकते हैं। 

    चुनाव के बाद विपक्षी गठबंधन से जुडेंगी कई पार्टियां

    थरूर ने प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान को गैरजरूरी बताया जिसमें उन्होंने पवार और उद्धव ठाकरे से अजीत पवार और एकनाथ शिंदे के साथ शामिल होने को कहा था। थरूर ने आगे कहा कि जो पार्टियां अब तक विपक्षी गठबंधन में शामिल नहीं हुई हैं, वे लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद ऐसा करेंगी।

    PM मोदी ने कही थी ये बात

    शुक्रवार को एक चुनाव अभियान रैली को संबोधित करते हुए, मोदी ने पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (सपा) और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) को उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से हाथ मिलाने की सलाह दी थी।

    शरद पवार ने तुरंत प्रधानमंत्री पर पलटवार करते हुए कहा कि वह उन लोगों के साथ गठबंधन नहीं करेंगे जो संसदीय लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते हैं जो मोदी के कारण खतरे में है।