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    शशि थरूर के खिलाफ पार्टी में उठ रही आवाज, लेकिन आलाकमान चुप; क्या है वजह जिसका तोड़ नहीं ढूंढ पा रही कांग्रेस

    Updated: Fri, 30 May 2025 07:20 PM (IST)

    केरल के तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ऑपरेशन सिंदूर पर अपनी राय रखने के बाद चर्चा में हैं। कांग्रेस नेता उदित राज ने उन्हें भाजपा का सुपर प्रवक्ता तक कह दिया। थरूर पर पहले भी पार्टी लाइन से बाहर जाने के आरोप लगते रहे हैं लेकिन कांग्रेस ने कोई कार्रवाई नहीं की। थरूर के पास एक तगड़ा वोटबैंक है खासकर मध्यम वर्ग और महिलाओं का।

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    संसदीय दल का प्रतिनिधित्व कर थरूर ने दुनिया को पाकिस्तान की असलियत तो दिखाई है (फोटो: जागरण)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष दुनिया के सामने रखने वाले सांसदों के डेलिगेशन में एक नाम सबसे अधिक चर्चा में रहा और वह था केरल के तिरुवंतपुरम से सांसद शशि थरूर का। संसदीय दल का प्रतिनिधित्व कर थरूर ने दुनिया को पाकिस्तान की असलियत तो दिखाई ही, भारत का पक्ष भी मजबूती से रखा।

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    हालांकि शशि थरूर की बातें कांग्रेस के ही कुछ लोगों का रास नहीं आईं। कांग्रेस नेता उदित राज ने शशि थरूर को भाजपा का सुपर प्रवक्ता तक करार दे दिया। यह कोई पहला मौका नहीं है, जब थरूर की निष्ठा पर कांग्रेस में प्रश्नचिह्न खड़े किए गए हों। थरूर पर आए दिन पार्टी लाइन से बाहर जाने के आरोप लगते रहते हैं, लेकिन कांग्रेस ने अब तक उनके खिलाफ आधिकारिक तौर पर कार्रवाई करने की कोशिश नहीं की है।

    4 बार के सांसद हैं शशि थरूर

    ऐसा भी नहीं है कि पार्टी आलाकमान शशि थरूर से बेहद खुश है। थरूर सिर्फ केरल के स्थानीय नेताओं को ही नहीं, गांधी परिवार के वफादारों और कांग्रेस के बड़े नाम माने जाने वाले 'करीबियों' की नजरों में भी खटकते हैं। लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि वह तिरुवंतपुरम से 4 बार के सांसद हैं और ये बात कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को भी पता है।

    कहने वाले तो ये तक कहते हैं कि थरूर ने वो सब भी किया है, जिसकी पार्टी में इजाजत नहीं है। थरूर को पार्टी के कुछ नेता भले ही पसंद न करते हों, लेकिन आलाकमान को उनकी अहमियत पता है। थरूर के पास एक तगड़ा वोटबैंक है और उनके समर्थकों में मिडिल क्लास खासकर महिलाओं की संख्या काफी ज्यादा है।

    थरूर के पास फिक्स वोटबैंक

    • जिस नायर जाति से थरूर आते हैं, उस पर भाजपा का कब्जा माना जाता है। इसके बावजूद थरूर अच्छे मार्जिन से चुनाव जीतते हैं। कांग्रेस कतई नहीं चाहेगी कि थरूर पर एक्शन लेकर वह नायर जाति और थरूर के फिक्स वोटबैंक को नाराज करे। थरूर के चुनाव प्रबंधन की क्षमता कांग्रेस को पता है और केरल में थरूर पार्टी के लिए एक बड़ा चेहरा हैं।
    • केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के सामने कांग्रेस शशि थरूर को सीएम चेहरा बनाकर चुनाव में उतारने का सपना संजो रही है। पिछले 10 साल की एंटी इंकम्बेंसी और थरूर की राजनीतिक लोकप्रियता का फायदा मिला, तो केरल में कांग्रेस का सूखा खत्म हो जाएगा।
    • कांग्रेस को पता है कि थरूर पर किसी भी तरह का एक्शन भाजपा को राजनीतिक लाभ पहुंचाने के लिए काफी है और शशि थरूर के पार्टी छोड़ने से हुए नुकसान की भरपाई करने में पार्टी के पसीने छूट जाएंगे। अगर नेशनल पॉलिटिक्स की नजर से देखें, तो थरूर गलत नहीं कहे जाएंगे। जाहिर है कि कांग्रेस स्थानीय विद्वेष का असर नेशनल पॉलिटिक्स पर नहीं पड़ने देना चाहेगी।

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