नगालैंड में सरकार के साथ NCP, नेफ्यू रियो के नेतृत्व को किया स्वीकार; महाराष्ट्र में दिख सकता है इसका असर
सबसे अधिक संख्या में राजनीतिक दलों के होने के बावजूद नई नागालैंड सरकार एक विपक्षरहित सरकार की ओर बढ़ गई है। एनसीपी ने भी नेफ्यू रियो के नेतृत्व को स्वीकार किया है। एनसीपी के पूर्वोत्तर इकाई के प्रभारी ने यह जानकारी दी। (फोटो PawarSpeaks)

मुंबई, एएनआई। शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने नगालैंड में सरकार का समर्थन करने का निर्णय लिया है। एनसीपी का मानना है कि नगालैंड में विपक्ष की भूमिका निभाने से बेहतर है नेफ्यू रियो के नेतृत्व को स्वीकार किया जाए। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि एनसीपी सरकार का हिस्सा होगी या फिर बाहर से अपना समर्थन देगी।
माना जा रहा है कि एनसीपी द्वारा नगालैंड में नेफ्यू रियो के नेतृत्व को स्वीकार करने के फैसले का असर महाराष्ट्र में दिख सकता है, जहां पर एनसीपी का कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के साथ गठबंधन है।
नगालैंड में NCP को मिली 7 सीटों पर सफलता
नगालैंड के विधानसभा चुनाव में एनसीपी 7 सीटें जीतने में सफल हुई। ऐसे में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्वोत्तर प्रभारी नरेन्द्र वर्मा ने समाचार एजेंसी एएनआई के साथ फोन पर बातचीत की, जहां पर उन्होंने पार्टी विधायकों से ली गई राय के मुताबिक, नेफ्यू रियो की अध्यक्षता को स्वीकार करने की बात कही।
बता दें कि एनसीपी विधायक दल की पहली बैठक 4 मार्च को कोहिमा में आयोजित की गई थी, जहां पर विधायक दल का नेता, उपनेता, मुख्य सचेतक और प्रवक्ता कौन होगा? इस विषय पर चर्चा हुई। पार्टी की विज्ञप्ति के मुताबिक, नवनिर्वाचित विधायकों और एनसीपी की प्रदेश इकाई की राय थी कि पार्टी को सरकार का हिस्सा होना चाहिए। हालांकि, अंतिम फैसला शरद पवार पर छोड़ दिया गया। जिन्होंने पूर्वोत्तर प्रभारी की बात सुनने के बाद नेफ्यू रियो के नेतृत्व को स्वीकार करने का फैसला लिया।
Nationalist Congress Party (NCP) to extend its support to the Nagaland government pic.twitter.com/qnR49bQ43q
— ANI (@ANI) March 8, 2023
विपक्षविहीन नगालैंड!
एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन को लगभग सभी दलों ने बिना शर्त समर्थन दिया है। सूत्रों के अनुसार, लोजपा (रामविलास), आरपीआई (अठावले), जद (यू) पहले ही गठबंधन सहयोगियों को समर्थन पत्र सौंप चुके हैं। एनसीपी ने भी नेफ्यू रियो के नेतृत्व को स्वीकार किया है। इसी प्रकार एनपीएफ ने भी सरकार को अपना समर्थन देने के संकेत दिए थे।
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