सरदार पटेल पर जब बिग बी के पिता हरिवंश राय बच्चन ने लिखी कविता
बिग बी यानी अमिताभ बच्चन के पिता कविवर हरिवंश राय बच्चन ने सरदार बल्लभ भाई पटेल के व्यक्तित्व को इस कविता में बखूबी उभारा है
नई दिल्ली (जेएनएन)। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंश राय बच्चन को कौन नहीं जानता है, लेकिन यह बात बहुत कम लोगों को मालूम है कि मधुशाला के रचयिता कविवर हरिवंश राय बच्चन ने 1950 में देश के पहले गृह मंत्री और देश के एकीकरण के महानायक लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल के व्यक्तित्व को निरूपित करते हुए एक बहुत अच्छी कविता लिखी थी।
यही प्रसिद्ध लौह का पुरुष प्रबल
यही प्रसिद्ध शक्ति की शिला अटल
हिला इसे सका कभी न शत्रु दल
पटेल पर स्वदेश को गुमान है
सुबुद्धि उच्च श्रृंग पर किए जगह
हृदय गंभीर है समुद्र की तरह
कदम छुए हुए जमीन की सतह
पटेल देश का निगहबान है
पटेल पर स्वदेश को गुमान है
हरेक पक्ष को पटेल तौलता
हरेक भेद को पटेल खोलता
दुराव या छिपाव से उसे गरज?
सदा कठोर नग्न सत्य बोलता
पटेल हिंद की निडर जुबान है
पटेल पर स्वदेश को गुमान है
इंदिरा गांधी पर कवि नागार्जुन ने भी चलाई थी कलम
आज सरदार बल्लभ भाई पटेल की 143वीं जयंती के साथ भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि भी है। जब इंदिरा गांधी ने विपक्ष के आंदोलन को मटियामेट करने के लिए 1975 में इमरजेंसी की घोषणा की तो कवि नागार्जुन ने उन पर यह कविता लिखी थी।
इन्दु जी, इन्दु जी, क्या हुआ आपको?
सत्ता की मस्ती में, भूल गई बाप को?
बेटे को तार दिया, बोर दिया बाप को!
क्या हुआ आपको? क्या हुआ आपको?
छात्रों के लहू का चस्का लगा आपको
काले चिकने माल का मस्का लगा आपको
किसी ने टोका तो ठस्का लगा आपको
अन्ट-शन्ट बक रही जनून में
शासन का नशा घुला ख़ून में
फूल से भी हल्का
समझ लिया आपने हत्या के पाप को
इन्दु जी, क्या हुआ आपको
बेटे को तार दिया, बोर दिया बाप को!