महाराष्ट्र में अजित गुट की NCP को बड़ा झटका, छगन भुजबल के भतीजे समीर ने छोड़ी पार्टी; निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव
Maharashtra Assembly Election 2024 महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी महायुति गठबंधन में बगावत देखने को मिल रही है। अजित पवार गुट की अगुआई वाली एनसीपी के नेता समीर भुजबल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। समीर भुजबल एनसीपी मुंबई के अध्यक्ष थे। समीर नांदगांव विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर ताल ठोकने जा रहे हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक है। ऐसे में दल बदलने का सिलसिला शुरू हो गया है। चुनाव से पहले राज्य की सत्ता में शामिल एनसीपी को झटका लगा है। अजित पवार गुट की एनसीपी के नेता समीर भुजबल ने पार्टी छोड़ दी है।
राज्य सरकार में मंत्री और वरिष्ठ नेता छगन भुजबल के भतीजे समीर भुजबल एनसीपी के मुंबई इकाई के अध्यक्ष थे। उन्होंने नांदगांव विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने का एलान भी कर दिया है।
अजित पवार को कहीं झटका, कहीं राहत
इससे पहले, अजित पवार के लिए सुप्रीम कोर्ट से राहत भरी खबर आई थी। दरअसल, अदालत ने 'घड़ी' चुनाव चिह्न के इस्तेमाल पर गुरुवार को फैसला सुनाया। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अजित गुट की एनसीपी को 'घड़ी' का इस्तेमाल करने की इजाजत मिल गई है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की।
दोनों गठबंधनों में अब भी अनसुलझी है सीट बंटवारे की गांठ
दोनों प्रमुख गठबंधन अपने-अपने साथी दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं, लेकिन दोनों गठबंधनों में नामांकन के दो दिन बीत जाने पर भी सीट बंटवारे का मसला अनसुलझा ही दिखाई दे रहा है।
बता दें कि विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (मविआ) ने बुधवार शाम एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दावा किया कि गठबंधन के तीनों प्रमुख दलों ने सीट बंटवारे का मसला सुलझा लिया है। तीनों दलों ने अब तक 85-85 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। 18 सीटें साथी दलों के लिए छोड़ी जाएंगी। शेष बची 15 सीटों का फैसला भी एक-दो दिनों में कर लिया जाएगा, लेकिन जल्दबाजी में की गई इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद भी कांग्रेस अभी तक अपने किसी उम्मीदवार की घोषणा नहीं कर पाई है।
एमवीए में सीटों पर विवाद कायम!
साथ ही, कांग्रेस सूत्रों के अनुसार उसमें और शिवसेना (यूबीटी) के बीच अभी भी कई सीटों पर विवाद कायम है। 15 सीटों पर तो अभी फैसला ही नहीं हुआ है, इसके अलावा जिन पर फैसला हो चुका है, उनमें कई सीटे ऐसी हैं, जिन पर तीनों दलों में अदला-बदली हो सकती है। यह बात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार ने भी स्वीकार की है।
सत्ताधारी गठबंधन में भी रार!
सत्तारूढ़ दलों के गठबंधन महायुति में भी दिखाई दे रहा है। भाजपा ने नामांकन शुरू होने से पहले ही अपने 99 उम्मीदवार घोषित कर सुर्खियां बटोर लीं। शिवसेना (शिंदे) ने भी 45 एवं राकांपा (अजित) ने 38 उम्मीवार घोषित कर दिए हैं, लेकिन अभी भी महायुति के 106 उम्मीदवारों की घोषणा होनी अभी भी बाकी है।
बताया जा रहा है कि 22 सीटों पर अभी भी सत्तारूढ़ गठबंधन के तीनों दल अपना-अपना दावा ठोक रहे हैं। इसके लिए भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं उपमुख्यमंत्री अजित पवार को बार-बार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलने के लिए दिल्ली के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। नामांकन भरने की अंतिम तारीख 29 अक्तूबर है। दोनों गठबंधन का दावा है कि उससे पहले ही उनका सीट बंटवारा हो जाएगा।
(ओम प्रकाश तिवारी के इनपुट के साथ)
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