'मिडिल क्लास स्वार्थी' से लेकर 'हुआ तो हुआ', बहुत लंबी है सैम पित्रोदा के विवादित बयानों की लिस्ट
कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा एक बार फिर अपने विवादित बयान से सुर्खियों में हैं। उन्होंने पाकिस्तान को घर जैसा बताया है जिसकी कड़ी आलोचना हो रही है। पित्रोदा ने कहा कि भारत की विदेश नीति को पाकिस्तान सहित पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए। यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा अपने विवादित बयान के वजह से एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार उन्होंने अपने बयान में पाकिस्तान को घर जैसा बता दिया, जिसके बाद उनकी चौतरफा आलोचना हो रही है।
कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार से पड़ोसी देशों के साथ बातचीत को बढ़ावा देने का आग्रह करते हुए कहा कि भारत की विदेश नीति की शुरुआत पाकिस्तान सहित पूरे रीजन में संबंधों को मजबूत करने से होनी चाहिए।
पाकिस्तान में घर जैसा महसूस हुआ- सैम पित्रोदा
आईएएनएस के साथ एक इंटरव्यू में पित्रोदा ने कहा, "मेरे अनुसार, हमारी विदेश नीति को सबसे पहले अपने पड़ोस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। क्या हम वास्तव में अपने पड़ोसियों के साथ संबंधों में काफी सुधार कर सकते हैं? मैं पाकिस्तान गया हूं और आपको बता दूं कि मुझे वहां घर जैसा महसूस हुआ। मैं बांग्लादेश गया हूं, मैं नेपाल गया हूं, और मुझे वहां घर जैसा महसूस हुआ। मुझे ऐसा नहीं लगता कि मैं किसी विदेशी देश में हूं।"
सैम पित्रोदा की यह टिप्पणी 'पाकिस्तान में घर जैसा महसूस हुआ' ऐसे समय में आई है जब भारत पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब सैम पित्रोदा के बयानों की वजह से विवाद खड़ा हुआ हो। इससे पहले भी वो कई विवादित बयान दे चुके हैं।
'चीन से खतरा समझ नहीं आता'
इस साल फरवरी में, जब दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण थे, श्री पित्रोदा ने कहा था कि भारत चीन से खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करता है।
आईएएनएस को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, "मैं चीन से खतरे को समझ नहीं पाता। मुझे लगता है कि इस मुद्दे को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है क्योंकि अमेरिका की दुश्मन को परिभाषित करने की प्रवृत्ति है। मेरा मानना है कि अब समय आ गया है कि सभी देश आपस में सहयोग करें, न कि टकराव करें। हमारा दृष्टिकोण शुरू से ही टकराव वाला रहा है, और यही रवैया दुश्मन पैदा करता है, जिससे देश के भीतर समर्थन मिलता है। हमें इस मानसिकता को बदलना होगा और यह मानना बंद करना होगा कि चीन पहले दिन से ही दुश्मन है। यह सिर्फ चीन के लिए ही नहीं, बल्कि सभी के लिए अनुचित है।"
'पूर्व के लोग चीनी जैसे दिखते हैं'
सैम पित्रोदा को भारत की विविधता पर अपनी टिप्पणी के लिए भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। पिछले साल उन्होंने कहा था, "हम भारत जैसे विविधतापूर्ण देश को एक साथ रख सकते हैं, जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे दिखते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग शायद गोरे दिखते हैं, और दक्षिण के लोग अफ्रीकी जैसे दिखते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। हम सब भाई-बहन हैं।"
उत्तराधिकार कर
पिछले साल लोकसभा चुनावों के दौरान, सैम पित्रोदा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उन आरोपों पर पलटवार करते हुए एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था कि कांग्रेस देश की संपत्ति का पुनर्वितरण करने की योजना बना रही है और उन्होंने अमेरिका के उत्तराधिकार कर कानून का उदाहरण दिया था।
पित्रोदा ने कहा था, "अगर किसी व्यक्ति के पास 1 करोड़ अमेरिकी डॉलर की संपत्ति है तो उसकी मृत्यु के बाद 45 प्रतिशत संपत्ति उसके बच्चों को और 55 प्रतिशत संपत्ति सरकार को मिलती है। ऐसे मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। हम ऐसी नीतियों की बात कर रहे हैं जो सिर्फ अमीरों के हित में नहीं, बल्कि आम लोगों के हित में हों।"
'राम मंदिर असली मुद्दा है या महंगाई'
साल 2023 में, सैम पित्रोदा ने एएनआई से बात करते हुए कहा, "मुझे किसी भी धर्म से कोई समस्या नहीं है। कभी-कभार मंदिर जाना ठीक है, लेकिन आप उसे मुख्य मंच नहीं बना सकते। 40 प्रतिशत लोग भाजपा को वोट देते हैं, और 60 प्रतिशत लोग भाजपा को वोट नहीं देते। वह सबके प्रधानमंत्री हैं, किसी पार्टी के नहीं, और यही संदेश भारत की जनता चाहती है। रोजगार की बात करें, महंगाई की बात करें, विज्ञान और तकनीक और चुनौतियों की बात करें। लोगों को तय करना होगा कि असली मुद्दे क्या हैं, क्या राम मंदिर असली मुद्दा है? या बेरोजगारी असली मुद्दा है। क्या राम मंदिर असली मुद्दा है या महंगाई असली मुद्दा है?"
'मिडिल क्लास को स्वार्थी नहीं होना चाहिए'
अप्रैल 2019 में, सैम पित्रोदा ने कांग्रेस की न्याय योजना का बचाव करते हुए एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया था और कहा था, "मध्यम वर्ग को स्वार्थी नहीं होना चाहिए और बड़ा दिल रखना चाहिए।"
'84 में हुआ तो हुआ'
सैम पित्रोदा द्वारा की गई सबसे विवादास्पद टिप्पणियों में से एक 1984 के सिख विरोधी दंगों पर थी। 2019 में उन्होंने कहा था, "अब क्या है '84 का? आपने 5 साल में क्या किया, उसकी बात करो। '84 में हुआ तो हुआ। आपने क्या किया? आपको नौकरियां पैदा करने के लिए वोट दिया गया था। आपको 200 स्मार्ट सिटी बनाने के लिए वोट दिया गया था। आपने वो भी नहीं किया। आपने कुछ नहीं किया इसलिए आप यहां वहां गप लगाते हैं।”
'हमले तो होते ही रहते हैं'
14 फरवरी, 2019 को हुए पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए सैम पित्रोदा ने कहा था, "मुझे हमलों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। ये तो होते ही रहते हैं। मुंबई में भी एक हमला हुआ था। हम तब प्रतिक्रिया दे सकते थे और अपने विमान भेज सकते थे, लेकिन यह सही तरीका नहीं है। मेरे हिसाब से, दुनिया के साथ इस तरह पेश नहीं आना चाहिए।
आठ लोग (26/11 के आतंकवादी) आते हैं और कुछ करते हैं, आप पूरे देश (पाकिस्तान) पर हमला नहीं कर सकते। यह मान लेना नासमझी होगी कि सिर्फ इसलिए कि कुछ लोग यहां आए और हमला किया, उस देश के हर नागरिक को दोषी ठहराया जाना चाहिए। मैं इस तरह से नहीं मानता।"
पाकिस्तान पर अपनी ताजा टिप्पणियों से सैम पित्रोदा ने एक बार फिर राजनीतिक विवाद को हवा दे दी है, और उन पुराने बयानों की लंबी सूची में एक और नाम जोड़ दिया है जिनकी व्यापक रूप से आलोचना की गई है।
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