अगले विधानसभा चुनाव तक राज्यसभा से राजद का होगा पत्ता साफ, 2030 में खाली होंगी उच्च सदन की छह सीटें
बिहार विधानसभा चुनाव में राजग की शानदार जीत का असर संसद के उच्च सदन में भी होगा। विधानसभा चुनाव में शर्मनाक शिकस्त के बाद राजद की हालत ऐसी हो गई है कि अगले विधानसभा चुनाव तक राज्यसभा से राजद का पत्ता साफ हो जाएगा। उच्च सदन में राजद का कोई प्रतिनिधि नहीं चुना जा सकेगा।

अगले विधानसभा चुनाव तक राज्यसभा से राजद का होगा पत्ता साफ (फोटो-फेसबुक)
पीटीआई, नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव में राजग की शानदार जीत का असर संसद के उच्च सदन में भी होगा। विधानसभा चुनाव में शर्मनाक शिकस्त के बाद राजद की हालत ऐसी हो गई है कि अगले विधानसभा चुनाव तक राज्यसभा से राजद का पत्ता साफ हो जाएगा।
उच्च सदन में राजद का कोई प्रतिनिधि नहीं चुना जा सकेगा। अब बिहार से राज्यसभा की जितनी भी सीटें खाली होंगी, उन सभी सीटों पर राजग को जीत मिलेगी। बिहार से कुल 16 राज्यसभा सीटों में से राजद के पास वर्तमान में पांच सीटें हैं और कांग्रेस के पास एक सीट है।
अगले वर्ष की शुरुआत में राज्यसभा के चुनाव होने हैं, जब राजद के दो सदस्यों - प्रेम चंद गुप्ता और एडी सिंह - का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। विधानसभा में संख्या बल राजग के पक्ष में है, जिससे सत्तारूढ़ गठबंधन को ये सीटें जीतने में मदद मिलेगी। राजग के सदस्यों - हरिवंश, राम नाथ ठाकुर (दोनों जेडीयू) और उपेंद्र कुशवाहा (आरएलएम) का कार्यकाल भी नौ अप्रैल, 2026 को समाप्त होगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि बिहार से पांच सीटों के लिए अगले दौर के द्विवार्षिक चुनाव (राज्यसभा के लिए) में सीट जीतने के लिए प्रत्येक उम्मीदवार को न्यूनतम 42 वोटों की आवश्यकता होगी।
243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में महागठबंधन के पास कुल 35 सीटें हैं। इनमें राजद की 25 सीटें, कांग्रेस की छह सीटें, भाकपा-माले की दो सीटें, माकपा और इंडियन इन्क्लुसिव पार्टी (आइआइपी) की एक- एक सीट शामिल हैं।
ऐसे में महागठबंधन एक भी उम्मीदवार को राज्यसभा भेजने में सक्षम नहीं है। बिहार से राज्यसभा का अगला चुनाव 2028 की शुरुआत में होगा। राजद के फैयाज अहमद, भाजपा के सतीश चंद्र दुबे, मनन कुमार मिश्रा और शंभू शरण पटेल और जदयू के खीरू महतो का कार्यकाल सात जुलाई, 2028 को समाप्त होगा।
इसके बाद, राज्य से राज्यसभा चुनाव 2030 की शुरुआत में होना है, जब धर्मशीला गुप्ता, भीम सिंह (दोनों भाजपा) और जदयू के संजय कुमार झा के साथ ही मनोज कुमार झा और संजय यादव (दोनों राजद) और कांग्रेस के अखिलेश प्रसाद ¨सह का कार्यकाल दो अप्रैल, 2030 को समाप्त हो जाएगा। विपक्षी दलों के पास इन सीटों को जीतने के लिए पर्याप्त संख्याबल नहीं है।

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