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    कांग्रेस पर जमकर बरसे जेपी नड्डा, अनुच्छेद 356 के दुरुपयोग का लगाया आरोप; बोले- आपने 90 बार...

    जेपी नड्डा ने राज्यसभा में मंगलवार को कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस पर अनुच्छेद 356 के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि आपने 90 बार इसका इस्तेमाल किया। एक देश-एक चुनाव के बिल के पक्ष में बोलते हुए नड्डा ने कहा कि देश में चुनाव साथ होने ही शुरू हुए थे। जेपी नड्डा ने अनुच्छेद 35ए को लेकर भी कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए।

    By Edited By: Updated: Tue, 17 Dec 2024 05:53 PM (IST)
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    नड्डा ने कहा कि इंदिरा गांधी ने 50 बार अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल किया (फोटो: पीटीआई)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्ससभा में नेता सदन जगत प्रकाश नड्डा ने मंगलवार को कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने अनुच्छेद 356 का बार-बार दुरुपयोग किया और दुरुपयोग के इसी इतिहास को देखते हुए सरकार ने एक देश-एक चुनाव बिल लाने का फैसला किया है।

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    संविधान पर राज्यसभा में हो रही चर्चा के दूसरे दिन नड्डा ने संविधान की भावना को बदलने और उसे दोबारा लिखने का प्रयास करने का भी कांग्रेस पर आरोप मढ़ा। उन्होंने कहा, 'आप बिल का विरोध कर रहे हैं। 1967 तक देश में एक साथ ही चुनाव होते थे।'

    अनुच्छेद 356 के जरिए हमला

    नड्डा ने कहा, 'आपने अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल कर राज्य की चुनी हुई सरकारों को बार-बार गिराया। कई राज्यों में अलग-अलग चुनाव की स्थिति लाकर खड़ी कर दी। आपके कारण ही एक देश-एक चुनाव पर बिल लाना पड़ रहा है। '

    नड्डा ने नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक का जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'जवाहर लाल नेहरू ने 8 बार, इंदिरा गांधी ने 50 बार, राजीव गांधी ने 9 बार और मनमोहन सिंह ने 10 बार अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग किया। कांग्रेस की सरकारों ने 90 बार इसका इस्तेमाल किया है।'

    कांग्रेस को किया चैलेंज

    नड्डा ने कहा कि 'क्या देश पर कोई खतरा था कि इमरजेंसी थोपी गई। नहीं... देश को नहीं, कुर्सी को खतरा था। इसके लिए पूरे देश को अंधकार में धकेल दिया गया। कांग्रेसी कहते हैं कि उनके नेताओं ने आपातकाल को गलती के रूप में स्वीकार कर लिया है, इसलिए इसका जिक्र नहीं करना चाहिए।

    नड्डा ने कांग्रेस को चुनौती देते हुए कहा कि 'अगर आपके दिल में कहीं भी प्रायश्चित है, तो मैं आपसे आह्वान करता हूं कि 25 जून 2025 को आप लोकतंत्र विरोध दिवस में शामिल हों।'

    25 जून को लगी थी इमरजेंसी

    आपको बता दें कि 25 जून 1975 को तत्कालीन इंदिरा गांधी की सरकार ने देश पर इमरजेंसी लगाई थी। यह आपातकाल 21 मार्च 1977 तक चला था। नरेंद्र मोदी सरकार ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में घोषित किया था।

    अनुच्छेद 35ए का भी जिक्र

    नड्डा ने कहा कि 'कांग्रेस ने संविधान से छेड़छाड़ का कोई मौका नहीं छोड़ा। संसदीय प्रक्रियाओं को नजरअंदाज करते हुए पीछे के दरवाजे से अनुच्छेद 35ए लाया गया। इससे भारतीय संसद द्वारा पारित पॉक्सो, महिलाओं की संपत्ति के अधिकार जैसे कानून जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं हो सके।'

    जेपी नड्डा ने आगे कहा, 'पश्चिमी पाकिस्तान से आए हुए मनमोहन सिंह और इंद्र कुमार गुजराल भारत के प्रधानमंत्री बने, लेकिन पीओके से आया हुआ कोई व्यक्ति जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का सदस्य नहीं बन सकता था, वह पंचायत का चुनाव नहीं लड़ सकता था। उसे वोट देने का भी अधिकार नहीं था।'

    प्रस्तावना से छेड़छाड़ का आरोप

    नड्डा ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि 'आपने संविधान की प्रस्तावना के साथ भी छेड़छाड़ की और उसमें पंथनिरपेक्ष व समाजवाद शब्द जोड़ दिया। अगर आपने संविधान पढ़ा होता, तो इन शब्दों को नहीं जोड़ा होता। क्योंकि डॉ. अंबेडकर ने लिखा है कि भारत का संविधान पूरी तरह से पंथनिरपेक्ष है और इसमें सेक्युलर शब्द जोड़ने की जरूरत नहीं है।