'वोटिंग लिस्ट ठीक करो, वरना चुनाव मत कराओ', राज ठाकरे का चुनाव आयोग पर हमला
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने चुनाव आयोग से कहा कि अगर वे वोटिंग लिस्ट को सही नहीं कर सकते हैं, तो चुनाव न कराएं। उन्होंने मतदाता सूची में गड़बड़ियों पर चिंता जताई और इसमें सुधार की मांग की। उन्होंने चुनाव आयोग की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए और मनसे कार्यकर्ताओं से इस मुद्दे पर सक्रिय रहने का आह्वान किया।

राज ठाकरे। (फाइल)
राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने राज्य चुनाव आयोग पर आक्रामक रुख अपनाते हुए कहा है कि यदि वह मतदाता सूची ठीक नहीं करवा सकता, तो चुनाव ही न कराए। शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भी सभी ईवीएम में वीवीपैट सुविधा के बिना स्थानीय निकाय चुनावों में मतदान कराए जाने को सबूत मिटाने की मंसा करार दिया है।
उद्धव और राज ठाकरे बुधवार को लगातार दूसरे दिन राज्य चुनाव आयोग के सीईओ एस.चोकलिंगम से मुलाकात करने उनके कार्यालय पहुंचे। उनके साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोरात, राकांपा (शरदचंद्र पवार) के जयंत पाटिल एवं जीतेंद्र आह्वाड सहित विपक्ष के कई और नेता भी थे।
आज उद्धव और राज ठाकरे एक ही गाड़ी में बैठकर मंत्रालय पहुंचे। इसे दोनों भाइयों की एकता की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है।
विपक्षी दलों का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिला
महाराष्ट्र के विपक्षी दलों का प्रतिनिधिमंडल आज लगातार दूसरे दिन राज्य चुनाव आयोग के सीईओ से मिला है। प्रतिनिधिमंडल मतदाता सूची में दिख रही गड़बड़ियों में स्थानीय निकाय चुनाव से पहले सुधार की मांग कर रहा है। मंगलवार को हुई मुलाकात के बाद राज्य चुनाव आयोग ने एक बयान जारी कर कहा था कि विधानसभा चुनाव के दौरान उपयोग में लाई गई मतदाता सूची में सुधार उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर है।
मतदाता सूची में भारी गड़बड़ियां हैं- राज ठाकरे
चुनाव आयोग के इसी बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आज राज ठाकरे ने सीईओ चोकलिंगम से कहा कि मतदाता सूची में भारी गड़बड़ियां हैं। सूची में कुछ मतदाताओं की उम्र 124 और 117 साल दिखाई दे रही है। ऐसी स्थिति में यदि सूची में सुधार नहीं किया जा सकता, तो चुनाव मत कराइए। जैसे स्थानीय निकाय के चुनाव पांच साल से रुके हुए हैं, वैसे ही दो महीने और रोक दीजिए। लेकिन सुधार के बाद ही चुनाव होने चाहिए।
उद्धव ठाकरे ने ईवीएम पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि वीवीपैट (वेरीफाइड पेपर आडिट ट्रेल) वाली ईवीएम का उपयोग करके चुनाव क्या सबूत मिटाने के लिए किये जा रहे हैं। राज ठाकरे ने राज्य चुनाव आयोग को सर्वोच्च न्यायालय जाकर मतदाता सूचियों में सुधार के लिए समय मांगने का भी सुझाव दिया। क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय ने ही 31 जनवरी, 2026 तक महाराष्ट्र में लंबी अवधि से लंबित स्थानीय निकाय चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं।
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