'मातोश्री' पहुंचे राज ठाकरे, BMC चुनावों से पहले उद्धव से फिर की मुलाकात; महाराष्ट्र की राजनीति में बढ़ी सियासी गर्मी
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे की इस साल यह पांचवी मुलाकात थी। दोनों पहले संजय राउत के घर एक कार्यक्रम में साथ दिखे फिर मातोश्री में मिले। इन मुलाकातों ने ठाकरे परिवार की दोनों शाखाओं के फिर से एक होने की चर्चा को तेज कर दिया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे शनिवार को एक बार फिर शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे से मिलने उनके घर मातोश्री पहुंचे। यह इस साल दोनों चचेरे भाइयों की पांचवी मुलाकात थी। दोनों पहले दिन में संजय राउत के घर हुए पारिवारिक कार्यक्रम में साथ दिखे और फिर शाम को बांद्रा ईस्ट स्थित मातोश्री में मुलाकात की।
इन लगातार बैठकों ने एक बार फिर यह चर्चा तेज कर दी है कि क्या ठाकरे परिवार की दो शाखाएं फिर से साथ आ चुकी हैं? दोनों भाइयों के बीच मेलजोल की शुरुआत जून में हुई थी, जब दोनों ने मिलकर राज्य सरकार के स्कूल में हिन्दी को तीसरी अनिवार्य भाषा बनाने के फैसले का विरोध किया।
20 साल बाद साथ आए दोनों भाई
यह विरोध कार्यक्रम पहले अलग-अलह होना था, लेकिन बाद में संयुक्त रैली में बदल गया और यही वह मौका था जब दोनों नेता करीब 20 साल बाद एक साथ मंच पर नजर आए। इसके बाद उद्धव ठाकरने ने आगामी नगरपालिका चुनावों के लिए संभावित गठबंधन के संकेत भी दिए। वहीं, राज ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि धैर्य रखें, औपचारिक घोषणा जल्द होगी।
जुलाई में राज ठाकरे ने उद्धव के जन्मदिन पर मातोश्री जाकर उन्हें शुभकामनाएं दी, जो करीब एक दशक बाद उनकी पहली मुलाकात थी। इसे कई राजनीतिक विश्लेषकों ने प्रतीकात्मक वापसी बताया। सूत्रों के मुताबिक, दोनों दलों ने सीनियर नेताओं की एक समिति भी बनाई है, जो यह तय करेगी कि किन क्षेत्रों में किस दल की पकड़ मजबूत है।
नासिक में MNS और UBT के कार्यकर्ता हाल ही में एक साथ मार्च करते दिखे। हालांकि, BEST क्रेडिट सोसायटी चुनाव में इस गठबंधन को सफलता नहीं मिली। फिर भी दोनों पार्टियों के नेता इसे “छोटी हार, बड़ी जीत की तैयारी” मान रहे हैं। उनका कहना है कि यह चुनाव मुंबई महानगरपालिका (BMC) की तुलना में बहुत छोटा था।
दूसरी ओर, BJP ने भी अपने नए शहर अध्यक्ष के नेतृत्व में तेज चुनाव अभियान शुरू किया है। पार्टी ने बयान जारी करते हुए कहा, "अगर उद्धव ठाकरे की पार्टी वापस आई तो मुंबई को ‘खान सरनेम वाला मेयर’ मिलेगा।" इसके जवाब में ठाकरे कैंप ने संकेत दिया है कि उनका चुनाव अभियान ‘मराठी अस्मिता’ और ‘शहर की बिगड़ी व्यवस्था’ पर केंद्रित रहेगा।
दशहरा रैली से मिला नया संकेत
हाल ही में हुई दशहरा रैली में उद्धव ठाकरे और संजय राउत दोनों ने कार्यकर्ताओं से कहा, "राज ठाकरे और उनकी पार्टी को अपना ही समझो।" इस बयान को राजनीतिक हलकों में यह मानकर देखा जा रहा है कि दोनों ठाकरे फिर एक मंच पर आने की तैयारी कर रहे हैं।
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