गुजरात में कांग्रेस को मजबूत करने मैदान में उतरेंगे राहुल गांधी, राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले कार्यकर्ताओं से संवाद
लोकसभा में विपक्ष के नेता एवं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुजरात में पार्टी को मजबूत बनाने की रणनीति शुरू कर दी है। अगले महीने गुजरात में कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन आठ और नौ अप्रैल को होना है। मगर उससे पहले वह शुक्रवार को दो दिवसीय गुजरात की यात्रा में कार्यकर्ताओं से मिलेंगे। कार्यकर्ताओं से मिले फीडबैक के आधार पर अगामी रणनीति तैयार करेंगे।

शत्रुघ्न शर्मा, अहमदाबाद। गुजरात में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए राहुल गांधी स्वयं सक्रिय होंगे। पार्टी के अगले माह होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले शुक्रवार से दो दिवसीय गुजरात यात्रा में वह प्रदेश के नेताओं के साथ जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं से संवाद कर पार्टी की रणनीति तैयार करेंगे। उनकी इस यात्रा से पहले पार्टी के प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक व राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल अधिवेशन की तैयारियों की समीक्षा कर चुके हैं।
क्या आप और कांग्रेस में होगा गठबंधन?
गत विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के मैदान में आ जाने से कांग्रेस को सीधे नुकसान उठाना पड़ा था। हरियाणा और दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद अब एक बार फिर गुजरात में कांग्रेस व आप का गठबंधन होगा या नहीं ये तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन राहुल गांधी पार्टी को मजबूत करने के लिए एक बार फिर गुजरात का रुख कर रहे हैं।
गुजरात में घट रहा कांग्रेस का जनाधार
2017 के चुनाव से पहले पाटीदार आरक्षण आंदोलन के चलते कांग्रेस ने सत्ताधारी दल भाजपा को 182 सीटों वाली विधानसभा में 99 सीटों पर ला दिया था। लेकिन स्वयं के सत्ता में आने का मौका गंवा दिया। इसके बाद से पार्टी का जनाधार लगातार घटता गया।
2022 के चुनाव में कांग्रेस 17 सीटों पर सिमट गई। कांग्रेस आलाकमान ने पिछले दो विधानसभा चुनाव में पार्टी की कमान संभालने वाले कई नेताओं को किनारे कर दिया है। वहीं, कुछ दिग्गज नेता कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए।
युवा चेहरों पर राहुल को भरोसा
राहुल अब युवा चेहरों के दम पर प्रदेश में पार्टी को खड़ा करना चाहते हैं। बीते एक साल में प्रदेश अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल की अगुवाई में युवा नेता एवं विधायक जिग्नेश मेवाणी, कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी भाई देसाई, कार्यकारी अध्यक्ष इंद्र विजय सिंह गोहिल, मीडिया प्रभारी मनीष दोशी, हेमांग रावल, पार्थिवराज सिंह, प्रगति आहीर जैसे नेताओं को खुलकर खेलने का मौका भी दिया गया।
इसके बावजूद राज्य में भाजपा के संगठन व सरकार से मुकाबला करने में कांग्रेस कमतर साबित हुई। इसी का परिणाम है कि हाल ही में संपन्न स्थानीय निकाय चुनाव में पांच दर्जन नगरपालिका के चुनाव में कांग्रेस को महज एक पालिका में ही सफलता हाथ लगी। गुजरात में कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन आठ और नौ अप्रैल को होना है।
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