'कोई योग्य नहीं मिला, ये तो नया मनुवाद है', राहुल गांधी ने अब किस मुद्दे पर मोदी सरकार पर साधा निशाना?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर विश्वविद्यालयों में एससी-एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षित प्रोफेसर पदों पर भर्ती न करने का आरोप लगाया है। उन्होंने नॉट फाउंड सूटेबल को नया मनुवाद बताते हुए कहा कि योग्य उम्मीदवारों को जानबूझकर अयोग्य ठहराया जा रहा है। राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगाया और कहा कि वे शिक्षा में बराबरी को खत्म करना चाहते।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली विश्वविद्यालय समेत तमाम केंद्रीय विश्वविद्यालयों और संस्थानों में एससी-एसटी तथा ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित प्रोफेसर पदों पर भर्ती नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
साथ ही दावा किया है कि नाट फाउंड सुटेबल (योग्य नहीं मिला) का बहाना कर इन वर्गों के उम्मीदवारों की आरक्षित पदों पर नियुक्ति नहीं की जा रही है। कांग्रेस नेता ने भाजपा-संघ पर आरक्षण के खिलाफ होने का आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि नाट फाउंड सुटेबल अब नया मुनवाद बन गया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ अपनी एक चर्चा का वीडियो एक्स पोस्ट पर मंगलवार को साझा करते हुए राहुल गांधी ने यह मुद्धा उठाते हुए कहा कि एसी-एसटी-ओबीसी के योग्य उम्मीदवारों को जानबूझकर अयोग्य' ठहराया जा रहा है ताकि वे शिक्षा और नेतृत्व से दूर रहें।
मोदी सरकार शिक्षा की बराबरी को खत्म करना चाहती: राहुल गांधी
उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने कहा था कि शिक्षा बराबरी के लिए सबसे बड़ा हथियार है। लेकिन मोदी सरकार उस हथियार को कुंद करने में जुटी है। नेता विपक्ष के अनुसार दिल्ली यूनिवर्सिटी में 60 प्रतिशत से ज्यादा प्रोफेसर और 30 प्रतिशत से ज्यादा एसोसिएट प्रोफेसर के आरक्षित पदों को नाट फाउंड सुटेबल (एनएफएस) बताकर खाली रखा गया है।
राहुल गांधी ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्याय का यह आंकड़ा कोई अपवाद नहीं है। आइआइटी संस्थानों और केंद्रीय विश्वविद्यालयों हर जगह यही साजिश चल रही है। एनएफस संविधान पर हमला और सामाजिक न्याय से धोखा है। ये सिफ शिक्षा और नौकरी की नहीं हक, सम्मान और हिस्सेदारी की लड़ाई है।
कांग्रेस नेता ने दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों से अपनी बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि अब हम सब मिलकर भाजपा-आरएसएस की हर आरक्षण-विरोधी चाल को संविधान की ताकत से जवाब देंगे।
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