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    राहुल गांधी का चुनाव आयोग को चैलेंज, बोले- ‘छिपाने के लिए कुछ नहीं तो मेरे सवालों का जवाब दें'

    Updated: Sat, 07 Jun 2025 07:37 PM (IST)

    राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में धांधली का आरोप लगाते हुए इसे मैच फिक्सिंग जैसा बताया है। चुनाव आयोग ने इन दावों को बेतुका बताया है। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर चुनाव आयोग से मतदाता सूची और सीसीटीवी फुटेज जारी करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि टाल-मटोल करने से विश्वसनीयता सुरक्षित नहीं रहेगी सच बोलने से ही रहेगी।

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    छिपाने के लिए कुछ नहीं तो मेरे सवालों का दें जवाब, बोले राहुल गांधी। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने महाराष्ट्र के नवंबर 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में मैच फिक्सिंग जैसी धांधली का आरोप लगाया। राहुल गांधी के इस आरोप के बाद देश में राजनीति तेज हो गई है। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के दावों को चुनाव आयोग ने बेतुका बताया है।

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    चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के दावों को खंडन करते हुए कहा कि किसी के द्वारा फैलाई जा रही कोई भी गलत सूचना न केवल कानून के प्रति अनादर है बल्कि अपने स्वयं के राजनीतिक दल के नियुक्त हजारों प्रतिनिधियों को भी बदनाम करती है।

    इसके बाद शनिवार को एक बार फिर से राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया और कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था हैं। आयोग द्वारा बिना हस्ताक्षर के टाल-मटोल करने वाले नोट जारी करना गंभीर सवालों का जवाब देने का तरीका नहीं है।

    जानिए क्या बोले राहुल गांधी?

    सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट करते हुए राहुल गांधी ने लिखा कि आप ​​एक संवैधानिक संस्था हैं। मध्यस्थों को बिना हस्ताक्षर के, टाल-मटोल करने वाले नोट जारी करना गंभीर सवालों का जवाब देने का तरीका नहीं है।

    इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि अगर आपके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो मेरे लेख में दिए गए सवालों के जवाब दें और इसे साबित करें:

    महाराष्ट्र सहित सभी राज्यों के लोकसभा और विधानसभा के सबसे हालिया चुनावों के लिए समेकित, डिजिटल, मशीन-पठनीय मतदाता सूची प्रकाशित करें। महाराष्ट्र के मतदान केंद्रों से शाम 5 बजे के बाद की सभी सीसीटीवी फुटेज जारी करें। उन्होंने आगे लिखा कि टाल-मटोल करने से आपकी विश्वसनीयता सुरक्षित नहीं रहेगी। सच बोलने से आपकी विश्वसनीयता सुरक्षित रहेगी।

    राहुल गांधी ने लगाए चुनाव में धांधली के आरोप

    दैनिक जागरण में प्रकाशित अपने लेख को राहुल गांधी ने शनिवार को एक्स पर साझा करते हुए बिहार में इसे दोहराए जाने की आशंका जताई। राहुल ने कहा चुनाव में धांधली भी मैच फिक्सिंग जैसी होती है-जो पक्ष धोखाधड़ी करता है, वो भले ही जीत जाए, लेकिन इससे लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर होती हैं और जनता का नतीजों से भरोसा उठ जाता है।

    हर जिम्मेदार नागरिक को सबूतों को खुद देखना चाहिए। सच्चाई समझनी चाहिए और जवाब मांगने चाहिए। क्योंकि महाराष्ट्र की यह मैच फिक्सिंग अब बिहार में भी दोहराई जाएगी और फिर वहां भी, जहां-जहां बीजेपी हार रही होगी। 

    कांग्रेस ने चुनाव आयोग के जवाब को बताया विश्वसनीय नहीं

    पार्टी ने कहा है कि चुनाव आयोग का जवाबी स्पष्टीकरण विश्वसनीय नहीं क्योंकि वह राहुल गांधी के लेख में उठाए सवालों का उसकी ओर से आधिकारिक जवाब नहीं दिया गया है। कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने चुनाव आयोग के सूत्रों की ओर से जारी किए गए अनौपचारिक बयान की ओर इशारा करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने अपने नाम से लिखे लेख में सवाल उठाए हैं। जिसे चुनाव आयोग का जवाब बताया जा रहा है वह न आधिकारिक लेटर हेड पर है और न ही नीचे उस पर किसी का हस्ताक्षर है।

    खेड़ा ने कहा कि हमें यह नहीं मालूम कि यह जवाब प्रधानमंत्री कार्यालय का है या किसी अन्य का, इसलिए हमें यह मानते हैं कि यह जवाब पीएमओ ने बनाकर भेजा है। उन्होंने कहा कि जो संस्था अपना जवाब सामने आकर नहीं दे सकती तो सोचिए उसकी विश्वसीनयता आज किस स्तर पर आ गई है। विश्वसीनयता होती तो खुलकर जवाब देते। हमारे सवाल बड़े स्पष्ट हैं कि पांच साल में 31 लाख वोट महाराष्ट्र में बढ़े मगर लोकसभा चुनाव के बाद पांच महीने के भीतर 41 लाख वोटर मतदाता सूची में कैसे जोड़े गए।

    कांग्रेस ने की ये मांग

    दूसरा सवाल मतदान के दिन वोट प्रतिशत 58 प्रतिशत बताते हैं और अंतिम रूप से इसे 66 प्रतिशत पहुंचा देते हैं तो आठ फीसद अधिक वोट कहां से आए। खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस ने वीडियोग्राफी जारी करने की मांग की तो शाम पांच बजे के बाद मतदान की वीडियोग्राफी कहां है? आयोग इस सवाल का जवाब बताए कि महाराष्ट्र में लोकसभा 2024 और विधानसभा 2024 के चुनाव के लिए मतदाता सूची की समेकित, खुली, डिजिटल, मशीन पठनीय प्रतियां सार्वजनिक क्यों नहीं की जा रही हैं?

    85 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 12000 बूथों पर मतदाताओं की लक्षित वृद्धि का क्या कारण है, जहां भाजपा ने लोकसभा में खराब प्रदर्शन किया, लेकिन विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की? इन सवालों के साथ चुनाव आयोग पर जवाब तंज कसते हुए पवन खेड़ा ने कहा कि आखिर पारदर्शिता लेना में बुराई क्या है।