Presidential Election 2022 : राष्ट्रपति चुनाव को लेकर किसके पक्ष में कितने वोट; समझें आंकड़ों का खेल
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर 18 जुलाई को वोटिंग होगी। 21 जुलाई को देश के नए राष्ट्रपति के नाम का एलान किया जाएगा। हर किसी की निगाहें दो प्रमुख उम्मीदवारो ...और पढ़ें

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर 18 जुलाई को वोटिंग होगी। 21 जुलाई को देश के नए राष्ट्रपति के नाम का एलान किया जाएगा। हर किसी की निगाहें दो प्रमुख उम्मीदवारों पर टिकी हैं। ये हैं एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा। दोनों उम्मीदवारों ने सांसदों और विधायकों को अपने-अपने पाले में करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। आइये जानते हैं प्रमुख राज्यों की स्थिति और क्या दोनों उम्मीवारों के बीच क्या है वोटों की स्थिति?
राष्ट्रपति चुनाव में कुल कितने वोट?
राष्ट्रपति चुनाव में सांसदों और विधायकों की कुल संख्या को मिलाकर वोट की वैल्यू निकाली जाती है। इस वक्त देश में कुल वोट वैल्यू है- 1,086,431।
इसमें 776 सांसदों की कुल वोट की वैल्यू है- 543,200, जबकि देश के कुल 4,033 विधायकों की वोट वैल्यू है- 543,231।
- उत्तर प्रदेश में विधायकों की संख्या 403 है। एक विधायक के वोट की वैल्यू 208 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 83824 है।
- बिहार में विधायकों की संख्या 243 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 173 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 42039 है।
- मध्य प्रदेश में विधायकों की संख्या 230 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 131 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 30130 है।
- पश्चिम बंगाल में विधायकों की संख्या 294 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 151 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 44394 है।
- राजस्थान में विधायकों की संख्या 200 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 129 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 25800 है।
- महाराष्ट्र में विधायकों की संख्या 288 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 175 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 50400 है।
- पंजाब में विधायकों की संख्या 117 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 116 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 13572 है।
- हरियाणा में विधायकों की संख्या 90 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 112 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 10080 है।
- आंध्र प्रदेश में विधायकों की संख्या 175 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 159 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 23825 है।
- दिल्ली में विधायकों की संख्या 70 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 58 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 4060 है।
- तमिलनाडु में विधायकों की संख्या 234 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 176 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 41184 है।
- केरल में विधायकों की संख्या 140 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 152 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 21280 है।
- छत्तीसगढ़ में विधायकों की संख्या 90 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 129 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 11610 है।
- झारखंड में विधायकों की संख्या 81 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 176 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 14756 है।
- असम में विधायकों की संख्या 126 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 116 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 14616 है।
- हिमाचल प्रदेश में विधायकों की संख्या 68 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 51 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 3468 है।
- कर्नाटक में विधायकों की संख्या 224 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 131 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 29344 है।
- तेलंगाना में विधायकों की संख्या 119 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 132 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 15708 है।
- उत्तराखंड में विधायकों की संख्या 70 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 64 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 4480 है।
क्या है बहुमत का आंकड़ा?
किसी भी उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनने के लिए 543,216 वोटों की जरूरत होती है। ताज़ा राजनीतिक हालात के अनुसार NDA के पास कुल 533,751 वोट हैं, जबकि विपक्ष के खाते में 360,362 वोट हैं।
महाराष्ट्र में सत्ता बदली, तो राष्ट्रपति चुनाव में भी बदल गए समीकरण?
21 जून को विपक्ष के करीब 17-18 दलों ने यशवंत सिन्हा को अपना राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने का फैसला किया। उस वक्त शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने यशवंत सिन्हा को समर्थन देने का एलान किया था, लेकिन अब महाराष्ट्र में सत्ता बदलते ही तस्वीर बदल गई है। एकनाथ शिंदे के समर्थक अब भाजपा के साथ आ गए हैं। लिहाज़ा उनके वोट द्रौपदी मुर्मू को मिलेंगे। इस बीच उद्धव ठाकरे गुट के शिवसेना के बाकी विधायकों और सांसदों ने द्रौपदी मुर्मू का समर्थन देने के लिए दबाव बनाया। उद्धव ठाकरे के पास विधायकों की बात मानने के अलावा कोई और दूसरा रास्ता नहीं था। लिहाजा अब वो मुर्मू का समर्थन करेंगे।
कौन-कौन सी पार्टियां द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में ?
महाराष्ट्र में सत्ता बदलने के बाद यशवंत सिन्हा की उम्मीदवारी कमजोर हो गई है। जब भाजपा ने 18 जुलाई के चुनाव के लिए द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार घोषित किया, तो एनडीए बहुमत के आंकड़े से 13,000 वोट दूर थी। इसके बाद से अकाली दल, बसपा, तेदेपा, वाईएसआरसीपी और बीजेडी का समर्थन मिला। शिवसेना के पास 10.86 लाख वोटों में से 25,000 से अधिक वोट हैं।
यशवंत सिन्हा की दावेदारी कितनी मजबूत?
यशवंत सिन्हा विपक्ष के उम्मीदवार साझा है, लेकिन विपक्ष की कई पार्टियां उनके समर्थन में नहीं मिला हैं। मुख्य रूप से कांग्रेस, सपा, एनसीपी, टीएमसी, द्रमुक, टीआरएस उनके समर्थन में है. लेकिन विपक्ष के अन्य दल क्या करेंगे, तस्वीर फिलहाल साफ नहीं है। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन भी मुर्मू को वोट करेंगे। इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने भी रूख साफ नहीं किया है।

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