कर्नाटक में खुलकर सामने आई कांग्रेस में 'कुर्सी की कलह', खरगे ने नेताओं को दिल्ली किया तलब
कर्नाटक कांग्रेस में कुर्सी को लेकर कलह खुलकर सामने आने के बाद, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्य के प्रमुख नेताओं को दिल्ली बुलाया है। दिल्ली में होने वाली बैठक में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों और वरिष्ठ नेताओं के बीच सुलह कराने का प्रयास किया जाएगा। पार्टी आलाकमान इस अंदरूनी कलह से चिंतित है।

मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार। (पीटीआई)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन को लेकर उठी अटकलों ने सियासी उथल-पुथल तेज कर दी है। मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के समर्थकों ने खुलकर शक्ति-प्रदर्शन शुरू कर दिया है, जिससे कांग्रेस हाईकमान पर दबाव बढ़ गया है। सिद्दरमैया ने संकेतों में पांच साल पूरे होने से पहले पद छोड़ने से इन्कार किया है।
कथित ''पावर-शेयरिंग फार्मूले'' के बीच पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने साफ किया है कि नेतृत्व मुद्दे पर अंतिम फैसला दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं और दोनों शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में सामूहिक चर्चा के बाद ही होगा। उधर, विभिन्न जाति समुदायों के संगठनों के खुलकर सामने आने से यह विवाद केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक आयाम भी ग्रहण करता दिख रहा है।
इन सबके बीच भाजपा ने कहा है कि कुर्सी के लिए खींचतान केवल पैसे और पावर के लिए की जा रही है। इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि वह दिल्ली जाकर कर्नाटक के तीन-चार महत्वपूर्ण नेताओं को बुलाएंगे और चर्चा करेंगे। राहुल गांधी भी इसमें शामिल होंगे। चर्चा के बाद आगे का रास्ता चुना जाएगा। अत: किसी भी तरह का भ्रम खत्म हो चुका है।
उन्होंने कहा कि हमारी हाईकमान टीम मामले पर चर्चा करके सबकुछ तय करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि हाईकमान का मतलब किसी व्यक्ति विशेष से नहीं है, बल्कि हमारी टीम फैसला करती है। उनके बयान पर सीएम सिद्दरमैया ने कहा कि अगर उन्हें बुलाया जाता है तो वह दिल्ली जाएंगे। वहीं शिवकुमार ने कहा कि मैं और मुख्यमंत्री चर्चा करेंगे और दिल्ली बुलाए जाने पर जाएंगे।
जी परमेश्वरा ने भी ठोका दावा
मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता और गृह मंभी जी परमेश्वरा ने पार्टी हाई कमान में भरोसा जताया और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मामले का हल हफ्तेभर में निकल आएगा। उन्होंने कहा कि अगर उनके अनुभव और कौशल के आधार पर शीर्ष पद के लिए चुना जाता है तो वह कांग्रेस की विचारधारा के मुताबिक लोगों की सेवा करने के लिए तैयार हैं।
सिद्धारमैया और शिवकुमार में चले 'शब्दबाण' डीके शिवकुमार और सीएम सिद्धरमैया के बीच शब्दबाण भी चल रहे हैं। शिवकुमार ने सिद्दरमैया को याद दिलाते हुए कोडवर्ड में अपनी बात लिखी। उन्होंने लिखा- अपनी बात का मान रखकर आगे बढ़ना चाहिए। इस पर सिद्दरमैया ने पलटवार करते हुए लिखा 'शब्दों से खेला' जा रहा है। जनता ने पूरे पांच साल के लिए हमें जिम्मेदारी दी है।
शिवकुमार ने एक्स पर लिखा- शब्द की ताकत ही दुनिया की सबसे बड़ी ताकत है। अपने कहे का मान रखना दुनिया की सबसे बड़ी ताकत है। चाहे वो जज हो, राष्ट्रपति हो या मेरे जैसा कोई शख्स हो, हर किसी को अपनी बात का मान रखकर आगे बढ़ना चाहिए। शब्द की ताकत की दुनिया की शक्ति है। इसके जवाब में सिद्दरमैया ने लिखा कि शब्द तब तक ताकतवर नहीं हो सकता, जब तक ये लोगों के लिए दुनिया को बेहतर न बना दे।
कर्नाटक के लोगों ने जो जनादेश दिया है वह क्षणिक चीज नहीं है, बल्कि एक जिम्मेदारी है जो पूरे पांच साल निभानी है। मैं और कांग्रेस पार्टी लोगों की करुणा, निरंतरता और साहस के साथ सेवा करके अपनी बात साबित कर रहे हैं।
भाजपा ने बताया पैसे और सत्ता का खेल भाजपा नेता बूरा नरसैया गौड़ ने गुरुवार को कर्नाटक में चल रहे सत्ता-साझेदारी नाटक के लिए कांग्रेस की आलोचना की और आरोप लगाया कि पार्टी की आंतरिक कलह ''सत्ता और पैसे की खींचतान'' है और इससे राज्य की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी ज्यादा से ज्यादा पैसा बटोरने के लिए सीएम सिद्दरमैया और डीके शिवकुमार को आपस में लड़ा रहे हैं। दोनों का सीधा हिसाब ये है कि जो ज्यादा पैसा भेजेगा, उसे सीएम बना दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यही समय है जब राज्य की जनता को अपना भविष्य तय करना है। आज नहीं तो कल, कर्नाटक को कांग्रेस से मुक्ति मिलकर रहेगी।
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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