कर्नाटक चुनाव में पुराने दुर्ग पर कब्जे की सियासी जंग, कांग्रेस-भाजपा के दिग्गजों ने चिकमंगलूरू में लगाया जोर
कांग्रेस के इतिहास से जुड़े इस पुराने गढ़ को फिर से हासिल करने के लिए राहुल-प्रियंका समेत कांग्रेस के शीर्ष दिग्गजों ने चिकमंगलूरू में जोर लगाया है। भाजपा के दिग्गज सीटी रवि चुनौतियों के बावजूद पीएम मोदी और शाह की चुनावी सभाओं के जरिए पांचवी पारी की उम्मीद में लगे।
चिकमंगलूरू, संजय मिश्र। कर्नाटक चुनाव में दिलचस्प होती सत्ता की दौड़ के बीच पार्टियों के बीच अपना वर्तमान किला बचाने और छिन चुके पुराने दुर्ग को दुबारा हासिल करने की जबरदस्त जंग भी नजर आ रही है। सूबे के कई हाईप्रोफाइल नेताओं के मैदान में उतरने से यह सियासी जंग और भी रोमांचकारी हो गई है। दोनों पार्टियों के बीच वर्चस्व की जंग यहां प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस और भाजपा के शीर्षस्थ राष्ट्रीय नेताओं के चिकमंगलूरू में एक के बाद एक धुआंधार चुनावी दौरे हो रहे हैं।
इस क्षेत्र से कांग्रेस और गांधी परिवार का विशेष जुड़ाव
चिकमंगलूरू कर्नाटक के सबसे हाईप्रोफइल सीटों में गिना जा रहा है। कांग्रेस की बेचैनी इसी से समझी जा सकती है कि तीन दिनों के अंतराल में ही प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी के चिकमंगलूरू में चुनावी दौरे हो चुके हैं। इस क्षेत्र से कांग्रेस और गांधी परिवार का विशेष जुड़ाव है। 1977 का लोकसभा चुनाव हारने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के राजनीतिक कैरियर को यहीं से तब नया जीवन मिला जब 1978 में चिकमंगलूरू सीट के उपचुनाव में जीत हासिल कर उन्होंने अपनी सियासी वापसी का रास्ता बनाया।
कांग्रेस की फिजा बनाने की कोशिश
प्रियंका गांधी ने यहां अपनी रैली के दौरान कांग्रेस और गांधी परिवार के साथ चिकमंगलूरू के भावनात्मक रिश्तों का जिक्र कर प्रचार के दौरान इमोशनल कार्ड का दांव भी चला। जबकि मंगलवार को राहुल गांधी ने चिकमंगलूरू शहर के मुख्य मार्ग एमजी रोड पर एक बड़े रोड शो के जरिए कांग्रेस की फिजा बनाने की कोशिश की। रोड शो में शामिल कई लोग जहां इस बार क्षेत्र में कांग्रेस की वापसी के दावे कर रहे थे वहीं अपनी दुकानों के बाहर खड़े नंदीश, रविराज, जयंत गौड़ा जैसे कारोबारियों ने कहा कि सीटी रवि और कांग्रेस उम्मीदवार एचडी थमैया में बराबर की टक्कर है।
राहुल गांधी के रोड शो के दौरान
लिंगायत समुदाय के थिमैया यहां भाजपा के प्रभावशाली स्थानीय नेताओं में गिने जाते थे लेकिन चुनाव की घोषणा के बाद कांग्रेस में शामिल होकर रवि के खिलाफ मैदान में उतर गए। राहुल गांधी के रोड शो के दौरान दिलचस्प यह भी दिखा कि कई स्थानीय भाजपा नेता और कार्यकर्ता किनारे खड़े होकर इसमें जुटी भीड़ का आकलन कर रहे थे। भाजपा के एक स्थानीय कार्यकर्ता रेवनाथ ने कहा कि हम भीड़ से ज्यादा यह देखने और पहचान करने आए हैं कि थिमैया का साथ देने के लिए कौन-कोन से भाजपा के लोग राहुल के रोड शो में शामिल हुए।
प्रचार-प्रसार का सिलसिला
चिकमंगलूरू में कांग्रेस बेशक सियासी जोर लगा रही है मगर कर्नाटक भाजपा में फायर ब्रांड छवि रखने वाले सीटी रवि 2004 से लगातार इस सीट से जीत रहे हैं और मौजूदा चुनौतियों के बाद भी पांचवी बार विधानसभा में पहुचंने की उम्मीद जता रहे हैं। माना जा रहा है कि पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का यहां आखिरी दिनों में प्रचार के लिए आने का कार्यक्रम तय हो रहा है। अपने जनसंपर्क अभियानों के दौरान रवि खुले तौर पर लोगों से यह कहने से गुरेज करते नहीं दिखे कि चुनावी रणनीति में किसी भी तरह की चुनौती पीएम मोदी के प्रचार में आने के बाद खत्म हो जाएगी।
भाजपा के दिग्गज प्रचार के लिए आए सामने
भाजपा ने 2018 में कांग्रेस के पुराने गढ़ चिकमंगलूरू जिले की पांच में से चार विधानसभा सीटें चिकमंगलूरू, कडूर, मुडीगेरे और तारीकेरे पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस को केवल एक श्रृंगेरी सीट मिली थी। ऐसे में पीएम सहित भाजपा के दिग्गजों के प्रचार के लिए आने की वजह स्वाभाविक है। इस लिहाज से चिकमंगलूरू सूबे की उन कुछ गिनी चुनी सीटों में शामिल होगी जहां भाजपा और कांग्रेस दोनों के सबसे शीर्षस्थ नेताओं के चुनावी दौरे होंगे।
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