भारत की सफलता की कहानी उसके मुखिया से सुनना चाहती है दुनिया: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि दावोस में 125 करोड़ भारतीयों की सफलता की कहानी सुनाने में उन्हें बेहद गर्व होगा।

नई दिल्ली, प्रेट्र : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत की नीतियों और विकास क्षमताओं के बारे में दुनिया सीधे उसके मुखिया से सुनना चाहती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दावोस में 125 करोड़ भारतीयों की सफलता की कहानी सुनाने में उन्हें बेहद गर्व होगा।
विश्व आर्थिक मंच (डब्लूईएफ) की बैठक के लिए दावोस की अपनी पहली यात्रा से पूर्व प्रधानमंत्री ने एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि भारत ने दुनिया पर अपनी छाप छोड़ी है और अब जरूरत उसका लाभ उठाने की है। भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और सभी रेटिंग एजेंसियों समेत दुनियाभर ने इसे मान्यता दी है। दावोस भारत के लिए बेहतरीन अवसर है क्योंकि देश के पास एक बड़ा बाजार और जनसांख्यिकीय ताकत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) में बड़ा उछाल आया है। यह स्वाभाविक है कि दुनिया भारत से सीधे बात करना चाहती है। दावोस बैठक को वैश्विक अर्थव्यवस्था के सबसे बड़े उद्योगपतियों, वित्तीय संस्थाओं और नीतिनिर्धारकों की सभा करार देते हुए मोदी ने कहा कि वह अब तक वहां नहीं जा सके।
एक साथ हों लोस-विस चुनाव
लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्सवों की तरह चुनावों की तारीखें भी फिक्स होनी चाहिए ताकि राजनेताओं और नौकरशाहों को पूरे साल चुनाव प्रचार और चुनाव कराने में व्यस्त न रहना पड़े। सभी चुनावों के लिए उन्होंने एक ही मतदाता सूची की भी वकालत की।
जातीय राजनीति का इतिहास दुर्भाग्यपूर्ण
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि इसका जातिगत राजनीति का इतिहास रहा है। लेकिन उनकी सरकार का मंत्र सिर्फ विकास है।

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