Move to Jagran APP

छत्तीसगढ़ के खतरनाक लाल डोरे में आगे नहीं बढ़ पा रही 'सौभाग्‍य', 50 हजार घरों में अंधेरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल सौभाग्य के रास्ते में नक्सली बाधा बने हुए हैं। इसकी वजह से राज्य में तीन से चार जिलों के कई हिस्सों में बिजली पहुंचाना चुनौती साबित हो रहा है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 02 Dec 2018 12:46 PM (IST)Updated: Sun, 02 Dec 2018 12:46 PM (IST)
छत्तीसगढ़ के खतरनाक लाल डोरे में आगे नहीं बढ़ पा रही 'सौभाग्‍य', 50 हजार घरों में अंधेरा
छत्तीसगढ़ के खतरनाक लाल डोरे में आगे नहीं बढ़ पा रही 'सौभाग्‍य', 50 हजार घरों में अंधेरा

रायपुर, नईदुनिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल 'सौभाग्य" के रास्ते में लाल आतंकी (नक्सली) बाधा बने हुए हैं। इसकी वजह से राज्य में तीन से चार जिलों के कई हिस्सों में बिजली पहुंचाना चुनौती साबित हो रहा है। 10 वर्ष से जीरो पॉवर कट स्टेट का तमगा लिए बैठे छत्तीसगढ़ में अब तक 50 हजार घरों तक बिजली नहीं पहुंच पाई है। ऐसे में निर्धारित समय सीमा (31 दिसंबर 2018) तक शतप्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य कठिन नजर आ रहा है।

loksabha election banner

विषम भगौलिक स्थिति भी चुनौती

प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के रास्ते में छत्तीसगढ़ के नक्सली ही नहीं यहां की विषम भगौलिक स्थिति भी चुनौती बनी हुई है। घने वन और पहाड़ों की वजह से यहां के 45 हजार से अधिक घरों तक परंपरागत तरीके यानी बिजली के खंभों (ग्रीड) के जरिये बिजली पहुंचाना कठिन साबित हो रहा था। ऐसे क्षेत्रों के लिए गैर परंपरागत सोलर ऊर्जा के जरिये विद्युतीकरण की कवायद की जा रही है।

करीब सात लाख से अधिक का लक्ष्य 

योजना के तहत राज्य में करीब सात लाख से अधिक घरों तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें छह लाख 70 हजार ग्रीड के जरिये तथा करीब 45 हजार ऑफ ग्रीड से किया जाना है। सीएसपीडीसीएल अब तक लगभग छह लाख 40 हजार घरों तक बिजली पहुंचा चुकी है। ऑफ ग्रीड में करीब 20 से 25 हजार कनेक्शन शेष बचे हैं।

दो एजेंसियों को जिम्मेदारी 

राज्य में सौभाग्य योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी सरकारी बिजली वितरण कंपनी (सीएसपीडीसीएल) के साथ ही अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) को सौंपा गया है। सीएसपीडीसीएल को ग्रीड व क्रेडा ऑफ ग्रीड बिजली पहुंचा रही है।

14 सौ से ज्यादा गांवों में नहीं पहुंची बिजली

छत्तीसगढ़ के 27 में से अब तक 10 से अधिक जिले शत प्रतिशत विद्युतीकृत नहीं हो पाए हैं। वहीं करीब 25 हजार गांवों में से 1400 गांव भी शतप्रतिशत विद्युतीकरण की सूची से बाहर हैं।

लक्ष्य हासिल करने की हर संभव कोशिश

सीएसपीडीसीएल के एमडी अंकित आनंद (आइएएस) ने स्वीकार किया नक्सली खतरे की वजह से राज्य के कुछ हिस्सों में बिजली पहुंचाने में दिक्कत हो रही है। विशेष रूप से सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर में। उन्होंने बताया कि दंतेवाड़ा के भी कुछ हिस्से चुनौती बने हुए हैं। इसके बावजूद निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने हर संभव कोशिश की जा रही है।

एमपी समेत 15 राज्यों में शत प्रतिशत विद्युतीकरण

केंद्र सरकार की तरफ से जारी रिपोर्ट के अनुसार 15 राज्यों ने शतप्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य हासिल कर लिया है। इनमें से आठ राज्यों मध्यप्रदेश,त्रिपुरा, बिहार, जम्मू और कश्मीर, मिजोरम, सि-म, तेलंगाना व पश्चिम बंगाल ने हाल ही यह लक्ष्य हासिल किया है। इनमें से कुछ राज्य नक्सल प्रभावित हैं तो कुछ की भौगोलिक स्थिति छत्तीसगढ़ से ज्यादा कठिन है।

बीपीएल को मुफ्त कनेक्शन

योजना के अंतर्गत प्रदेश के गरीबी रेखा से नीचे रह रहे (बीपीएल) परिवारों को मुफ्त में बिजली कनेक्शन दिए जाने का प्रावधान है। योजना का लाभ गरीबी रेखा से ऊपर के परिवारों (एपीएल) को भी मिलता है, लेकिन ऐसे परिवार को 500 रुपये शुल्क देना पड़ेगा, जिसे दस किस्तों में चुकाने की सुविधा हितग्राही को दी जाती हैै। सितंबर 2017 में यह योजना शुरू की गई थी।

छत्तीसगढ में करीब 25 हजार मेगावॉट बिजली उत्पादन

राज्य में सरकारी और गैर सरकारी पॉवर प्लांटों से करीब 25 हजार मेगावॉट बिजली का उत्पादन होता है। इसमें निजी सेक्टर की हिस्सेदारी अधिक है। निजी उत्पादक अपनी बिजली दूसरे राज्यों को भी बचेते हैं।

45 सौ मेगावॉट तक डिमांड

छत्तीसगढ़ में बिजली की उच्चतम मांग 4500 मेगावॉट तक जाती है। वहीं, राज्य के सरकारी बिजली संयंत्रों की स्थापित क्षमता 3424 मेगावॉट से अधिक है। राज्य को केंद्रीय कोटे से भी बिजली मिलती है। इसके साथ ही सरकार निजी उत्पादकों से बिजली लेती है। इसके एवज में सरकार उन्हें केवल उनका लागत मूल्य चुकाती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.