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पीके सिन्हा ने संभाला PM मोदी के मुख्य सलाहकार का कार्यभार तो PK मिश्रा बने मुख्य सचिव

पीके सिन्हा ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य सलाहकार के रूप में अपना कार्यभार संभाल लिया वहीं पीके मिश्रा को पीएम का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 01:11 PM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 02:40 PM (IST)
पीके सिन्हा ने संभाला PM मोदी के मुख्य सलाहकार का कार्यभार तो PK मिश्रा बने मुख्य सचिव
पीके सिन्हा ने संभाला PM मोदी के मुख्य सलाहकार का कार्यभार तो PK मिश्रा बने मुख्य सचिव

नई दिल्ली, एएनआइ। पीके सिन्हा ने आज (बुधवार) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य सलाहकार के रूप में अपना कार्यभार संभाल लिया है। न्यूज एजेंसी एएनआइ ने इस खबर की पुष्टि की है।

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प्रदीप कुमार सिन्हा(पीके सिन्हा) को 30 अगस्त 2019 को पीएमओ में विशेष ड्यूटी (ओएसडी) पर अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था। मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने पी के सिन्हा की नियुक्ति को मंजूरी दी है। आदेश के अनुसार 11 सितंबर, 2019 से वह प्रधानमंत्री के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्य करेंगे।

कौन हैं पीके सिन्हा ?

प्रदीप कुमार सिन्हा उत्तर प्रदेश कैडर के 1977 बैच के आईएएस अधिकारी हैं।

उन्होंने भारत के विद्युत सचिव के रूप में कार्य किया, और भारत के नौवहन सचिव थे।

पीके सिन्हा अर्थशास्त्र में स्नातक हैं और अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर(मास्टर) उपाधि रखते हैं।

उन्होंने भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार दोनों में विभिन्न प्रमुख पदों पर कार्य किया है।

पीके मिश्रा बने प्रधान सचिव
वहीं पीके मिश्रा ने भी आज(बुधवार) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव के रूप में अपना कार्यभार संभाल लिया है। न्यूज एजेंसी एएनआइ ने इस खबर की पुष्टि की है। उन्होंने नृपेंद्र मिश्रा की जगह प्रिसिंपल सेक्रेटरी का पद संभाला है।

कौन हैं पीके मिश्रा ?
पीके मिश्रा को पीएम मोदी का काफी करीबी माना जाता है। कहा जाता है कि साल 2001 से 2019 तक नरेंद्र मोदी ने अगर किसी एक अफसर पर लगातार भरोसा जताया है, वह प्रमोद कुमार मिश्रा(पीके मिश्रा) ही हैं।पीके मिश्रा ओडिशा के संभलपुर जिले के रहने वाले हैं। वह 1972 बैच के आइएएस अफसर हैं, जो गुजरात कैडर से आते हैं।पीके मिश्रा गुजरात में पहली बार सीएम बने नरेंद्र के प्रधान सचिव के तौर पर काम किया। उन्होंने ही पहली बार नरेंद्र मोदी को फाइलें पढ़ना सिखाया था।

नृपेंद्र मिश्रा का इस्तीफा
नृपेंद्र मिश्रा ने ऐसे समय में इस्तीफा दिया जब भारत की जीडीपी वृद्धि 2019-20 के जून तिमाही में पांच साल के निचले स्तर 5% से अधिक कम हो गई, जो मार्च तिमाही में 5.8% थी। नृपेन्द्र मिश्रा भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अध्यक्ष भी थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, 'पांच वर्षों तक पीएमओ की सेवा और लगन से काम करने के बाद, भारत के विकास प्रक्षेपवक्र में एक अमिट योगदान देने के बाद, श्री नृपेंद्र मिश्रा जी अपने जीवन के नए चरण को शुरू करेंगे। उनके भविष्य के प्रयासों के लिए उन्हें मेरी शुभकामनाएं।'


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