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    पेगासस प्रोजेक्ट राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चिंता का विषय, सरकार को देना चाहिए स्पष्टीकरण : शशि थरूर

    By Neel RajputEdited By:
    Updated: Tue, 20 Jul 2021 03:18 PM (IST)

    थरूर ने स्वतंत्रत जांच की मांग करते हुए कहा तो सवाल यह उठता है कि यह किसने किया है अगर भारत सरकार ने ऐसा किया है तो यह बहुत बुरा है। वहीं जो भारत सरकार द्वारा अधिकृत नहीं है अगर उसने ऐसा किया है तो यह और भी बुरा है।

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    मामले की हो स्वतंत्रत जांच : शशि थरूर

    नई दिल्ली, एएनआइ। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि पेगासस प्रोजेक्ट मीडिया रिपोर्ट मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है और सरकार को इस पर स्पष्टीकरण देने की जरूरत है।

    समाचार एजेंसी एएनआइ से बात करते हुए, थरूर ने कहा, 'यह साबित हो गया है कि भारत में जांचे गए फोन में पेगासस का आक्रमण था। चूंकि यह उत्पाद केवल सत्यापित सरकारों को बेचा जाता है, सवाल उठता है कि कौन सी सरकार? अगर भारत सरकार कहती है कि उन्होंने ऐसा नहीं किया है। किसी अन्य सरकार ने ऐसा किया है, तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अधिक गंभीर चिंता का विषय है।'

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    थरूर ने कहा, 'अगर यह पता चलता है कि यह हमारी सरकार है और इसे करने के लिए अधिकृत है, तो सरकार को स्पष्टीकरण देने की आवश्यकता है क्योंकि कानून केवल राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दों के लिए संचार के अवरोधन की अनुमति देता है, अन्यथा, यह गैरकानूनी है। यह आवश्यक है कि सरकार जांच में सहयोग करे।'

    उन्होंने मामले में स्वतंत्रत जांच की मांग करते हुए कहा, तो सवाल यह उठता है कि यह किसने किया है, अगर भारत सरकार ने ऐसा किया है तो यह बहुत बुरा है। वहीं, जो भारत सरकार द्वारा अधिकृत नहीं है, अगर उसने ऐसा किया है तो यह और भी बुरा है। और अगर कोई विदेशी सरकार कहती है कि चीन या पाकिस्तान ने हमारे लोगों की जासूसी की है, तो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हमारी सरकार को जांच करनी चाहिए और इसलिए मुझे लगता है कि एक स्वतंत्र जांच पूरी तरह से अनिवार्य है।

    बता दें कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंसोर्टियम की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में 300 से ज्यादा लोगों के फोन टैप कराए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें दो केंद्रीय मंत्री, विपक्ष के तीन नेता, 40 से अधिक पत्रकार, एक मौजूदा जज, सोशल वर्कर और कई उद्योगपति शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में साल 2018 और 2019 के बीच फोन टैप कराए गए थे। इस मुद्दे को लेकर सोमवार को मानसून सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ।

    वहीं, केंद्र सरकार ने इजरायली कंपनी की तरफ से तैयार जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए पत्रकारों एवं अन्य विशिष्ट हस्तियों की जासूसी कराने संबंधी रिपोर्टों को खारिज कर दिया है। सरकार ने रिपोर्टों को बेबुनियाद बताया है। केंद्र ने कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास है।

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