दो वोटर आईडी पर बुरे फंसे पवन खेड़ा, चुनाव आयोग ने थमाया नोटिस; BJP हुई हमलावर
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा दो विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूची में नाम होने के कारण मुश्किल में हैं। चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। खेड़ा ने स्वीकार किया कि उनका नाम दो जगह है पर उन्होंने एक जगह से नाम हटाने के लिए आवेदन किया था। भाजपा का आरोप है कि खेड़ा ने चुनाव आयोग को गलत जानकारी दी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली की दो विधानसभाओं की मतदाता सूची में नाम होने के आरोप में घिरे कांग्रेस के मीडिया विभाग प्रमुख पवन खेड़ा मुश्किल में फंस सकते हैं। चुनाव आयोग ने नोटिस भेजकर उनसे जवाब तलब किया है। पवन खेड़ा ने दो मतदाता सूचियों में नाम होना स्वीकार किया है, लेकिन यह भी साफ कर दिया कि उन्होंने एक जगह से नाम हटाने के लिए आवेदन कर दिया था।
जानबूझकर चुनाव आयोग को गलत जानकारी देने का आरोप साबित होने की स्थिति में खेड़ा को जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 31 के तहत एक साल की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकता है।
गौरतलब है कि पूर्व में तेजस्वी यादव और बिहार के कृषि मंत्री विजय सिन्हा के भी दो-दो मतदाता सूचियों में नाम को लेकर बखेड़ा खड़ा हो चुका है।
अमित मालवीय ने शेयर किए सबूत
भाजपा के सोशल मीडिया सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने पवन खेड़ा के जंगपुरा विधानसभा और नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से मतदाता होने का सबूत पेश किया। उन्होंने पवन खेड़ा को जारी दोनों ईपिक नंबर के साथ-साथ मतदाता सूची की फोटोकापी भी इंटरनेट मीडिया एक्स पर पोस्ट कर दिया।
पवन खेड़ा का दो विधानसभाओं की मतदाता सूची नाम- मालवीय
मालवीय ने वोट चोरी और मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर अभियान चलाने वाले कांग्रेस और राहुल गांधी पर तीखा हमला किया। मालवीय के अनुसार राहुल गांधी की बिहार में वोटर अधिकार यात्रा के दौरान पवन खेड़ा ने कई प्रेस कांफ्रेंस में चुनाव आयोग पर मतदाता सूची में गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगाए थे। लेकिन उन्हीं पवन खेड़ा के दो विधानसभाओं के मतदाता सूची नाम है, जो कि अपराध है।
बाद में भाजपा मुख्यालय में मीडिया से बातचीत में भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि राहुल गांधी की पार्टी के मीडिया के प्रमुख पवन खेड़ा ही असली 'चोर' हैं।
चुनाव आयोग ने पवन खेड़ा को भेजा नोटिस
पवन खेड़ा की सफाई से चुनाव आयोग संतुष्ट नजर नहीं आया और शाम को उन्हें नोटिस जारी कर दिया। आयोग के सूत्रों के अनुसार मतदाता सूची में नाम शामिल करने के लिए फार्म छह भरना होता है। वहीं एक जगह से दूसरी जगह नाम स्थानांतरित करने के लिए फार्म सात भरना जरूरी है। जाहिर है पवन खेड़ा ने दोनों जगह फार्म छह भरकर अपना नाम मतदाता सूची में शामिल कराया होगा। फार्म छह भरने के साथ ही मतदाता को घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करना होता है कि उसका नाम किसी अन्य जगह पर मतदाता सूची में नहीं है।
जाहिर है पवन खेड़ा को इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी। चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार यदि पवन खेड़ा के नाम दोनों जगह पर फार्म छह भरकर शामिल कराने की बात सच साबित हुई तो उनके खिलाफ जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत एफआइआर दर्ज कराई जा सकती है। जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 31 में जानबूझकर गलत जानकारी देने की स्थिति में सजा का प्रविधान है।
चुनाव आयोग का नोटिस राजनीति से प्रभावित- पवन खेड़ा
वैसे पवन खेड़ा ने चुनाव आयोग के नोटिस को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि राहुल गांधी ने कर्नाटक के महादेवपूरा में एक लाख से अधिक संदिग्ध मतदाता की सूची दी है, लेकिन चुनाव आयोग ने किसी को नोटिस जारी नहीं किया और अब भाजपा के इशारे पर उन्हें नोटिस जारी किया जा रहा है।
भाजपा ने राहुल गांधी से पूछे पांच सवाल
- क्या राहुल गांधी को इस धोखाधड़ी के बारे में पता था?
- क्या राहुल गांधी पवन खेड़ा को वोट चोर कह सकते हैं?
- क्या राहुल गांधी ये मानेंगे कि इस वोट धोखाधड़ी से ध्यान हटाने के लिए वह बिहार में सर मुद्दे का विरोध कर रहे हैं?
- क्या राहुल गांधी अपनी मां, सोनिया गांधी के अवैध तरीके से हासिल मतदाता पहचान पत्र के लिए माफी मांगेंगे?
- क्या कांग्रेस पार्टी के भीतर वोट चोरी का रैकेट चल रहा है, और क्या इसीलिए वे वोट चोरी का आरोप लगा रहे हैं?
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