बंगाल विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भाग लेंगे पार्थ चटर्जी? निर्दलीय विधायक जैसा होगा व्यवहार
शिक्षक भर्ती घोटाले में तीन साल से अधिक समय जमानत पर जेल से रिहा हुए बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के विधायक पार्थ चटर्जी के इस महीने के अंत में होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भाग लेने पर उन्हें कोई विशेष सुविधा नहीं दी जाएगी। विधानसभा के सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

पार्थ चटर्जी अगर विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भाग लेते हैं तो उन्हें निर्दलीय विधायक माना जाएगा (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। शिक्षक भर्ती घोटाले में तीन साल से अधिक समय जमानत पर जेल से रिहा हुए बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के विधायक पार्थ चटर्जी के इस महीने के अंत में होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भाग लेने पर उन्हें कोई विशेष सुविधा नहीं दी जाएगी।
विधानसभा के सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। जानकार सूत्र के अनुसार, सबसे पहले सदन में उन्हें जो नई सीट आवंटित की जाएगी, वह न तो सत्ता पक्ष में होगी और न ही विपक्ष में।
अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि चूंकि जुलाई 2022 में शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी के बाद तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था, इसलिए अब उनके साथ एक निर्दलीय विधायक जैसा व्यवहार किया जाएगा। इसलिए, उन्हें सत्ता पक्ष और विपक्ष पक्ष के बीच एक सीट आवंटित की जाएगी।
साथ ही, उन्हें विधानसभा परिसर में राज्य के शिक्षा मंत्री के रूप में आवंटित किए गए अलग कमरे जैसा कमरा भी नहीं दिया जाएगा। वह अब मंत्री नहीं हैं। इसलिए उन्हें विधानसभा परिसर में अलग कमरा आवंटित नहीं किया जाएगा।
वह किसी भी अन्य विधायक की तरह सत्र में भाग लेंगे और उन्हें विधानसभा सदस्य की तरह सभी सुविधाएं मिलेंगी। विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बंदोपाध्याय ने पुष्टि की कि शीतकालीन सत्र से पहले उनकी नई सीट तय कर ली जाएगी।
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि यदि चटर्जी सत्र के दौरान सदन में किसी बहस में भाग लेना चाहेंगे, तो उन्हें नियमानुसार अपने विचार रखने के लिए समय दिया जाएगा।
अध्यक्ष ने कहा- गिरफ्तारी के बाद चटर्जी को राज्य मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था। लेकिन विधानसभा के सदस्य वह अभी भी हैं। इसलिए उन्हें विधानसभा के किसी भी सत्र में भाग लेने का अधिकार है। वह एक वरिष्ठ विधायक हैं। यदि वह बोलना चाहते हैं, तो विधानसभा के नियमों के अनुसार उन्हें अपने विचार रखने के लिए समय दिया जाएगा।
मंगलवार को जेल से रिहा हुए चटर्जी ने कहा था कि वह विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भाग लेंगे और यदि संभव हुआ, तो सदन में होने वाली बहसों में भी भाग लेंगे।

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