प्रताप चंद्र सारंगी, मुकेश राजपूत और फानगोन कोनयक... धक्का मुक्की कांड में घायल हुए तीनों BJP सांसद कौन हैं?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से बाबा आंबेडकर पर की गई टिप्पणी को लेकर संसद में घमासान जारी है। गुरुवार को संसद परिसर में सत्ता पक्ष और विपक्ष के ...और पढ़ें

पीटीआई, नई दिल्ली। चोटिल और आहत भाजपा सांसदों प्रताप चंद्र सारंगी, मुकेश राजपूत और फानगोन कोनयक कथित रूप से गुरुवार को संसद भवन के मकर द्वार पर धक्कामुक्की की चपेट में आ गए। इनका संक्षिप्त ब्योरा इस प्रकार है।
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पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे हैं प्रताप चंद्र सारंगी
प्रताप चंद्र सारंगी : सिर पर चोट से लहूलुहान हुए पीसी सारंगी ओडिशा के बालासोर संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं। 69 वर्षीय भाजपा नेता ओडिशा विधानसभा के भी दो बार सदस्य रह चुके हैं। वह दोनों ही बार नीलागिरी विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2004-2009 और 2009 से 2014 के बीच विधायक रहे।
वह 2014 के लोकसभा चुनाव में बालासोर से हार गए थे लेकिन इसी संसदीय क्षेत्र से वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव जीता था। बीजद प्रत्याशी रबींद्र कुमार जेना को 12 हजार वोटों से हराया था। वह नरेन्द्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग और पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन राज्यमंत्री रह चुके हैं। वह 2019 में पहली बार लाइमलाइट में तब आए जब दिल्ली के लिए निकलने से पहले एक साधारण से बैग में अपना सामान पैक कर रहे।
सलमान खुर्शीद को भी हरा चुके हैं राजपूत
मुकेश राजपूत : धक्का लगने से गिरकर बेहोश होने वाले उत्तर प्रदेश के फरुखाबाद से तीन बार के सांसद 55 वर्षीय मुकेश राजपूत के प्रदेश में लोध समुदाय के बड़े नेता के रूप में देखा जाता है। 2014 में राजपूत ने मौजूदा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद को हरा दिया था।

पांच साल बाद राजपूत ने बसपा प्रत्याशी मनोज अग्रवाल और खुर्शीद को हराकर ही दम लिया था। नवीनतम लोकसभा चुनाव में भी राजपूत जीत गए लेकिन इस बार उन्होंने सपा के नवल किशोर शाक्य को दो हजार वोटों से हरा दिया।
नगालैंड से पहली महिला सांसद हैं कोनयक
फानगोन कोनयक : कांग्रेस सदस्य राहुल गांधी के नजदीक आकर चिल्लाने से असहज हुई एस. फानगोन कोनयक ने 25 जुलाई, 2023 को नगालैंड से राज्यसभा में आने वाली पहली महिला सांसद बनकर इतिहास रच दिया था।
उन्हें पिछले साल 17 जुलाई को उपाध्यक्षों के पैनल के लिए नामित किया गया। राज्यसभा से नामित होने वाली वह पहली महिला सदस्य बनी हैं। जबकि वह प्रदेश में पहली महिला बनी हैं जो राज्यसभा से निर्वाचित हैं और प्रदेश में दूसरी महिला हैं जो सदन या विधानसभा से चुनी गई हैं।

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