Parliament Winter Session: विपक्षी खेमे की दरार से टूटा गतिरोध, 'सर्वदलीय सहमति' के बाद क्या आज से चलेगी संसद?
Parliament Session लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की ओर से बुलाई सर्वदलीय बैठक में संसद में टकराव को समाप्त करने पर सरकार और विपक्ष ने हामी भरी। संविधान पर 13-14 को लोकसभा व 16-17 दिसंबर को राज्यसभा में चर्चा के प्रस्ताव से दोनों पक्षों सहमति बनी है। तृणमूल कांग्रेस के अलग राह पर चलने के मद्देनजर कांग्रेस को अदाणी तथा मणिपुर मुद्दे पर आक्रामक तेवर छोड़ने के लिए बाध्य होना पड़ा।
संजय मिश्र, नई दिल्ली। संविधान पर चर्चा के रास्ते ने संसद के शीत सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच अदाणी मुद्दे एवं मणिपुर हिंसा को लेकर जारी गतिरोध को खत्म कर दिया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की ओर से सोमवार को बुलाई सर्वदलीय बैठक में संसद में टकराव को समाप्त करने पर दोनों पक्षों ने हामी भरी।
सदन चलाने पर सभी पक्ष सहमत
सहमति के अनुसार, मंगलवार से सदन चलाने पर सभी पक्ष सहमत हैं और संविधान निर्माण के 75 वर्ष पूर्ण होने के मौके पर दोनों सदनों में दो-दो दिन की चर्चा होगी। लोकसभा में 13-14 दिसंबर तो राज्यसभा में 16-17 दिसंबर को संविधान की अब तक की यात्रा पर चर्चा होगी।
कांग्रेस को आक्रामक तेवर छोड़ने के लिए बाध्य होना पड़ा
विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए के आपसी मतभेद विशेषकर तृणमूल कांग्रेस के अलग राह पर चलने के मद्देनजर कांग्रेस को अदाणी तथा मणिपुर मुद्दे पर अपने आक्रामक तेवर छोड़ने के लिए बाध्य होना पड़ा है। वाम दल भी अब अदाणी मुद्दे से दूरी बना चुके हैं और सपा की प्राथमिकता संभल है।
अदाणी और मणिपुर मामले पर चर्चा को लेकर कोई फैसला नहीं
सर्वदलीय बैठक में अदाणी मामले और मणिपुर हिंसा पर चर्चा को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ। इससे साफ है कि संविधान पर चर्चा के प्रस्ताव के जरिये गतिरोध खत्म करने के लिए सरकार ने हामी जरूर भर दी है, मगर इन दोनों विवादित मुद्दों पर विपक्ष को मौका देने के लिए वह अब भी तैयार नहीं है। टकराव खत्म करने के लिए कांग्रेस के राजी होने की मजबूरी से साफ है कि वह आइएनडीआइए में बिखराव का संदेश नहीं देना चाहती।
तृणमूल कांग्रेस ने पिछले हफ्ते ही साफ कर दिया था कि वह सत्र को केवल अदाणी तथा मणिपुर मसले पर केंद्रित रखने के पक्ष में नहीं है और वह कुछ अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरेगी। तृणमूल कांग्रेस राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से बुलाई जा रही बैठकों में भी शामिल नहीं हो रही थी, तो समाजवादी पार्टी भी उत्तर प्रदेश में संभल की सांप्रदायिक हिंसा के मुद्दे को उठाने के लिए ज्यादा उत्सुक है।
संविधान पर होगी चर्चा
विपक्षी खेमे के इन मतभेदों को देखते हुए कांग्रेस के लिए अदाणी तथा मणिपुर मुद्दे पर ही टिके रहना मुश्किल होने लगा था। ऐसे में संविधान पर चर्चा का फार्मूला निकाला गया और स्पीकर ने सर्वदलीय बैठक में जब इसे रखा तो दोनों पक्षों ने हामी भरने में देर नहीं लगाई। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों की ओर से ही संविधान पर चर्चा का प्रस्ताव दिया गया था।
सर्वदलीय बैठक में गतिरोध खत्म करने पर बनी सहमति की पुष्टि करते हुए संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजु ने उम्मीद जताई कि मंगलवार से दोनों सदनों में कामकाज सुचारू रूप से चलेगा। इतना ही नहीं तृणमूल कांग्रेस तथा सपा को अपने-अपने मुद्दों को उठाने का मौका भी मिलेगा। तृणमूल कांग्रेस मंगलवार को जहां बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के विरुद्ध हो रहे हिंसा मामले को उठाएगी तो समाजवादी पार्टी संभल में हिंसा-फाय¨रग से बढ़े तनाव के मुद्दे को उठाएगी।
बेरोजगारी, महंगाई, किसानों के सवाल पर घेरेगा विपक्ष
इसके साथ ही विपक्षी खेमे के कई दल आगामी दिनों में बेरोजगारी, महंगाई, किसानों के सवाल से लेकर केंद्रीय धन के आवंटन में विपक्ष शासित राज्यों से कथित भेदभाव को लेकर केंद्र को घेरने का प्रयास करेंगे। वैसे गतिरोध टूटने से पहले सोमवार को संसद के दोनों सदनों में अदाणी तथा मणिपुर मामले को विपक्षी खेमे ने उठाने का प्रयास किया, मगर इसे अनुमति नहीं गई और हंगामे की आशंका में सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल विपक्ष के शोरशराबे के बीच लोकसभा में तटीय जहाजरानी विधेयक पेश किया। इसका उद्देश्य तटीय व्यापार को बढ़ावा देना और राष्ट्रीय सुरक्षा व वाणिज्यिक आवश्यकताओं के लिए भारतीय नागरिकों के स्वामित्व व संचालन वाले व भारतीय ध्वज वाले पोतों की भागेदारी बढ़ाना है।
राघव चड्ढा ने दिया कार्य स्थगन का नोटिस
आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा में बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार और चिन्मय कृष्ण दास सहित तीन इस्कान पुजारियों की गिरफ्तारी पर चर्चा के लिए कार्य स्थगन नोटिस दिया है। उन्होंने यह भी मांग की कि सदन इस्कान पुजारियों को हिरासत में लिए जाने की ¨नदा करे।
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