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    Parliament: ओम बिरला ना मानते तो कौन करता लोकसभा का संचालन, उपाध्यक्ष का पद भी खाली; पढ़ें हर सवाल का जवाब

    By Mahen KhannaEdited By: Mahen Khanna
    Updated: Thu, 03 Aug 2023 05:24 PM (IST)

    Parliament Monsoon Session लोकसभा में शोर-शराबे के चलते अध्यक्ष ओम बिरला ने बीते दिनों नाराजगी जाहिर की है। बिरला दो दिनों तक अध्यक्ष की कुर्सी पर नहीं बैठे और कार्यवाही से दूर रहे। हालांकि दिल्ली अध्यादेश पर चर्चा से पहले आज बिरला सदन में आ गए। अब लोगों के मन में सवाल ये उठ रहा है कि अगर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला आज फिर नहीं आते तो क्या होता।

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    Parliament Monsoon Session लोकसभा में विपक्ष का हंगामा जारी।

    नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Parliament Monsoon Session संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से दोनों सदनों में विपक्ष का हंगामा जारी है। चाहे मणिपुर हिंसा हो या दिल्ली अध्यादेश का मामला, विपक्ष सरकार पर हमलावर है। दूसरी तरफ, सरकार भी मणिपुर मुद्दे पर जवाब देने को तैयार है और आईएनडीआईए गठबंधन (INDIA Alliance) पर चर्चा से भागने का आरोप लगा रही है।

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    इस बीच लोकसभा में शोर-शराबे के चलते अध्यक्ष ओम बिरला ने बीते दिनों नाराजगी जाहिर की है। बिरला दो दिनों तक अध्यक्ष की कुर्सी पर नहीं बैठे और कार्यवाही से दूर रहे। उन्होंने कहा था कि जब तक सदन बिना शोर-शराबे से नहीं चलती, तब तक वे सदन में नहीं आएंगे। हालांकि, दिल्ली अध्यादेश पर चर्चा से पहले आज बिरला सदन में आ गए। 

    अब लोगों के मन में सवाल ये उठ रहा है कि अगर, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला आज फिर नहीं आते तो क्या होता। इस समय लोकसभा के उपाध्यक्ष का पद भी खाली है, तो इस लिहाज से लोकसभा कैसे चलती। आइए जानें हर सवाल का जवाब...

    लोकसभा का पीठासीन अधिकारी कौन है ?

    लोकसभा में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ही पीठासीन अधिकारी (Speaker) होते हैं। स्पीकर का चुनाव आमतौर पर आम चुनाव के बाद लोकसभा की पहली बैठक में होता है और उसका कार्यकाल पांच वर्ष का होता है।

    अध्यक्ष की अनुपस्थिति में कौन होता है स्पीकर?

    लोकसभा अध्यक्ष की अनुपस्थिति में सदन का स्पीकर उपाध्यक्ष होते हैं।

    अध्‍यक्ष और उपाध्‍यक्ष दोनों के पद खाली हो तो कौन होगा स्पीकर?

    अगर अध्‍यक्ष और उपाध्‍यक्ष दोनों के पद रिक्‍त होते हैं तो इस स्थिति में राष्‍ट्रपति द्वारा नियुक्त लोकसभा के सदस्‍य द्वारा कार्यभार संभाला जाता है। इस तरह से नियुक्‍त व्‍यक्‍ति को सामयिक अध्‍यक्ष कहा जाता है।

    अध्‍यक्ष और उपाध्‍यक्ष की अनुपस्थिति में कौन संभालेगा पद?

    लोकसभा के नियमानुसार, लोकसभा के आरंभ में या समय-समय पर अध्‍यक्ष सदन के सदस्‍यों में से किसी दस सांसदों को सभापति के तौर पर निर्दिष्‍ट करेगा, जिसमें से कोई एक अध्‍यक्ष और उपाध्‍यक्ष की अनुपस्‍थिति में कार्यभार संभालता है।

    लोकसभा अध्यक्ष का कौन कराता है शपथग्रहण?

    यहां बता दें कि लोकसभा अध्यक्ष अन्य लोकसभा सदस्यों की ही तरह एक सदस्य के रूप में शपथ लेता है। उसका शपथ भी कार्यकारी अध्यक्ष द्वारा कराया जाता है। कार्यकारी अध्यक्ष सबसे वरीष्ठ सदस्यों को बनाया जाता है। अध्यक्ष को विपक्ष के नेता और प्रोटेम स्पीकर ही आसन तक ले जाते हैं और औपचारिकता निभाते हैं। हालांकि, लोकसभा सदस्य सांसद के तौर पर शपथ लेते हैं।

    अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

    जी. वी. मावलंकर लोकसभा के प्रथम अध्‍यक्ष थे, जो 15 मई 1952 से 27 फरवरी 1956 तक अध्यक्ष रहे।

    एम अनंतशयनम अय्यंगर लोकसभा के प्रथम उपाध्‍यक्ष थे (30 मई 1952 – 7 मार्च 1956)