संसद में आज गूंजेगा बिहार वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन का मुद्दा, AAP सांसद संजय सिंह ने की SIR पर चर्चा की मांग
आज संसद के मानसून सत्र का दूसरा दिन है। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा के लिए राज्यसभा में कार्य स्थगन नोटिस दिया। बिहार चुनाव को लेकर वोटर लिस्ट रिवीजन पर राजनीति गरमाई हुई है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभ सांसद संजय सिंह ने नियम 267 के तहत राज्यसभा में कार्य स्थगन नोटिस दिया। सांसद ने बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा की मांग की है।
राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी नियम 267 के तहत कार्य स्थगन नोटिस दिया है और चुनाव आयोग द्वारा बिहार में चुनाव से पहले किए गए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान से उत्पन्न चिंताओं पर चर्चा करने की मांग की है।
एसआईआर पर जमकर हो रही राजनीति
बिहार चुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग के आदेश पर वोटर लिस्ट रिवीजन का काम किया जा रहा है। इस मामले पर राजनीति भी खूब हो रही है। बिहार की विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग की इस कार्रवाई पर चिंता जाहिर की है। राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में इस मामले के खिलाफ याचिका भी दायर की गई है।
Monsoon Session of the Parliament | Sanjay Singh AAP Rajya Sabha MP has given Suspension of Business Notice in Rajya Sabha under rule 267 and demand to discussion on Special intensive revision(SIR) of voter lists in Bihar. pic.twitter.com/4ZlKmrbLN1
— ANI (@ANI) July 22, 2025
SIR को लेकर क्या है चुनाव आयोग की दलील
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग की विशेष प्रक्रिया (Special Intensive Revision),जिसे संक्षेप में SIR यानी सर कहा जा रहा है। दरअसल,स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए किसी भी चुनाव से पहले मतदाता सूची को अपडेट किया जाता है जो एक सामान्य प्रक्रिया है। चुनाव आयोग ने इस बार 1 जुलाई से मतदाता सूची की विशेष गहन समीक्षा शुरू कर दी है।
विपक्ष का क्या कहना है?
दरअसल, विपक्षी दलों का कहना है कि बिहार चुनाव से ठीक पहले चुनाव आयोग ने यह फैसला क्यों किया? विपक्ष ने चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। विपक्ष का मानना है कि इस प्रक्रिया की वजह से लाखों वोटर्स, मतदान करने का अधिकार खो देंगे।
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