कांग्रेस को जगदीप धनखड़ और सत्यपाल मलिक के नाम का सहारा! जाट वोट बैंक को लेकर क्या है पार्टी का प्लान?
पाकिस्तान को भारत के लिए हवाई सीमा बंद करने से दो महीने में 1240 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। रक्षा मंत्रालय ने संसद में रिपोर्ट पेश कर इसे राजस्व का नुकसान बताया है। सामान्य स्थिति में 100-150 भारतीय विमान पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से गुजरते थे जिससे पाकिस्तान को प्रतिदिन पांच लाख डॉलर की कमाई होती थी। प्रतिबंध 23 अगस्त तक जारी रहेगा।

नरेंद्र शर्मा, जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस के नेता पूर्व उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और पूर्व राज्यपाल स्व. सत्यपाल मलिक के नाम का सहारा लेकर जाट वोट बैंक को साधने में जुट गए हैं। राज्य में विधानसभा चुनाव में अभी तीन साल से अधिक का समय है, लेकिन इस वर्ष के अंत में पंचायती राज संस्थाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव होने वाले हैं।
जाट नेताओं का समाज में 14 प्रतिशत वोट बैंक
ऐसे में कांग्रेस धनखड़ और मलिक के नाम का उपयोग कर जाट वोट बैंक को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है, ताकि बढ़त हासिल की जा सके। जाट नेताओं का दावा है कि समाज का 14 प्रतिशत वोट बैंक है, जो करीब एक दर्जन जिलों और 50 विधानसभा सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाता है। धनखड़ झुंझुनूं जिले के निवासी हैं, जो जाट बहुल क्षेत्र है।
कांग्रेस धनखड़ के इस्तीफे के बाद से उनके नाम पर जाटों को एकजुट करने में लगी हुई है। बताया जाता है कि प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत धनखड़ और उनके परिवार के संपर्क में हैं।
डोटासरा और गहलोत धनखड़ के परिवार से संपर्क में
डोटासरा ने धनखड़ के इस्तीफे को जाटों का अपमान बताते हुए प्रचारित किया है। एक वरिष्ठ नेता के अनुसार पार्टी आलाकमान के निर्देश पर डोटासरा और गहलोत धनखड़ के परिवार से संपर्क में हैं।
सूत्रों के अनुसार प्रदेश कांग्रेस की योजना है कि यूपीए धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने पर विचार करे। बता दें कि गहलोत और डोटासरा ने हाल ही में दिल्ली में स्व. मलिक की शोक सभा में भाग लिया था, जो जाट वोट बैंक को साधने की रणनीति का ही हिस्सा माना जा रहा है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।