LAC Conflict: विपक्षी हंगामे के चलते कई बार स्थगित हो चुका है संसद का शीत सत्र, तवांग संघर्ष को बनाया मुद्दा
अरुणाचल प्रदेश के तवांग के यांग्त्से के सीमा क्षेत्र में भारतीय और चीनी सेना के बीच हाल ही में हुई झड़प के बाद राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया शुरू हो गई जो देश में राजनीतिक वाद-विवाद का गवाह बन रहा है।

नई दिल्ली, एएनआइ। अरुणाचल प्रदेश के तवांग के यांग्त्से के सीमा क्षेत्र में भारतीय और चीनी सेना के बीच हाल ही में हुई झड़प के बाद राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया शुरू हो गई, जो देश में राजनीतिक वाद-विवाद का गवाह बन रहा है। बता दें 12 दिसंबर को तवांग सेक्टर में 9 दिसंबर को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई, जिसमें दोनों पक्षों के सैनिकों को मामूली चोटें आईं और दोनों पक्ष तुरंत क्षेत्र से हट गए।
विपक्ष के हंगामे से कई बार स्थगित हुआ सदन
रिपोर्टों के अनुसार, चीनी लगभग 300 सैनिकों के साथ भारी तैयारी करके आए थे, लेकिन भारतीय सैनिकों ने दृढ़ता से पीएलए को जवाब दिया। जैसे ही झड़प की खबरें आने लगीं, विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर सवाल उठाना शुरू कर दिया और संसद के शीतकालीन सत्र को भी बाधित कर दिया। संसद का शीतकालीन सत्र 17 कार्य दिवसों के लिए निर्धारित है, जो 7 दिसंबर को शुरू हुआ और अब तक कई बार सदन को स्थगित करना पड़ा है, क्योंकि विपक्ष ने तवांग संघर्ष पर हंगामा खड़ा कर दिया।
विपक्ष ने तवांग संघर्ष को बनाया मुद्दा
बता दें कि 13 दिसंबर को राज्यसभा और लोकसभा के कई सदस्यों ने तवांग सीमा पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच 9 दिसंबर को हुई झड़पों पर चर्चा करने के लिए नोटिस दिया। सांसदों ने इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए शून्यकाल और प्रश्नकाल के अलावा अन्य कालों को निलंबित करने की मांग की थी। उसी दिन लोकसभा में बोलते हुए, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेना ने बहादुरी से चीनी पीएलए सैनिकों को भारतीय क्षेत्र में अतिक्रमण करने से रोका और उन्हें अपनी चौकियों पर वापस जाने के लिए मजबूर किया।
रक्षा मंत्री ने संसद में दिया था जवाब
राजनाथ सिंह ने कहा, '9 दिसंबर को पीएलए ने तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में एलएसी को पार करने और एकतरफा रूप से यथास्थिति को बदलने की कोशिश की। हमारे सैनिकों ने चीनी सेनाओं का बहादुरी से सामना किया। भारतीय सेना ने पीएलए को हमारे क्षेत्र में घुसपैठ करने से रोका और उन्हें अपनी चौकियों पर लौटने के लिए मजबूर किया। इसमें दोनों सेनाओं के बीच झड़प हुई और दोनों पक्षों के कुछ सैनिकों को चोटें आईं।' वहीं, चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि सीमा पर दोनों सैनिकों के बीच झड़प के बाद स्थिति स्थिर है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।