सदन में विपक्ष ने सुरक्षा व्यवस्था, ट्रंप की भूमिका और वायुसेना को क्षति जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरा, लगाई सवालों की झड़ी
विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग की लेकिन उनके उठाए सवाल पुराने ही थे। गौरव गोगोई ने पीओके सुरक्षा और अमेरिका की भूमिका पर प्रश्न किए। उन्होंने पूछा कि पहलगाम तक आतंकी कैसे पहुंचे और पीओके को कब लेंगे। रमाशंकर राजभर ने ऑपरेशन में देरी पर सवाल उठाया जबकि कल्याण बनर्जी ने ट्रंप के दावे पर पीएम मोदी की चुप्पी पर निशाना साधा।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष जिस तरह आक्रामक था उससे यह संदेश था कि विपक्ष शायद कुछ ऐसे गंभीर मुद्दे उठाएगा जिसमें सरकार असहज होगी।
लेकिन सोमवार को चर्चा में विपक्ष सारे पुराने सवाल ही उठाता रहा। शायद चर्चा शुरू होने से पहले ही कश्मीर में पहलगाम के गुनहगार आतंकियों की मौत की खबर ने विपक्ष की धार को कुछ और कम कर दिया होगा।
विपक्ष की ओर से चर्चा की शुरूआत करते हुए गौरव गोगोई ने पीओके, सुरक्षा व्यवस्था, अमेरिका की भूमिका, वायुसेना को क्षति एवं प्रधानमंत्री की प्राथमिकता जैसे मुद्दों को लेकर प्रश्न किए गए।
गोगोई के आरोप
उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के जवाब को अधूरा बताते हुए सुरक्षा में चूक पर भी सवाल उठाया और कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी तो दी गई लेकिन यह नहीं बताया कि पहलगाम तक आतंकी कैसे पहुंच गए? किसने मदद दी और घटना के बाद भाग कैसे गए? इस विफलता के लिए कौन जिम्मेदार है?
उन्होंने सीधा प्रश्न किया कि हम पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को कब लेंगे? राहुल गांधी की मौजूदगी में गौरव ने कहा कि प्रत्येक आतंकी हमले के बाद सरकार कहती है कि आतंकवाद की कमर तोड़ दी गई है तो फिर उरी, पुलवामा एवं पहलगाम जैसे हमले क्यों हो रहे हैं?
उन्होंने लड़ाकू विमान के क्षतिग्रस्त होने का मामला भी उठाया और कहा कि देश में राफेल विमानों की संख्या महज 35 है। इनमें से यदि कुछ का नुकसान हुआ तो यह गंभीर चिंता की बात है। इसकी सच्चाई नागरिकों के साथ-साथ सेना को भी जानने का अधिकार है।
सपा सांसद ने भी उठाए प्रश्न
गोगोई ने दावा किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 26 बार बताया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक दबाव बनाकर संघर्ष विराम कराया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जनता को गुमराह कर रही है। सरकार को सत्य छिपाने के बजाय पारदर्शिता दिखानी चाहिए।
सपा सांसद रमाशंकर राजभर ने घटना के 17 दिन बाद ऑपरेशन सिंदूर चलाने पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि इतना लंबा वक्त क्यों लगा और जब पूरी तैयारी से युद्ध में आए थे तो तीन दिनों में ही खत्म क्यों कर दिए।
उन्होंने यह भी पूछा कि पाकिस्तान में जो सौ आतंकी मारे गए हैं, उनमें पहलगाम के हमलावर भी शामिल हैं या नहीं। शिवसेना (उद्धव) के सांसद अरविंद गणपत सावंत ने पहलगाम में सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने का सवाल उठाया और कहा कि पहले जब मैं कश्मीर में जाता था तो चप्पे-चप्पे पर जवान खड़े रहते थे। उस दिन ऐसा क्या हुआ कि हजारों पर्यटक आए थे, लेकिन जवान एक भी नहीं थे। उस दिन सारे जवान कहां थे।
कल्याण बनर्जी का पीएम मोदी पर निशाना
डोनल्ड ट्रंप के सीजफायर कराने के दावे का उल्लेख करते हुए तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि पीएम मोदी बयान नहीं दे सकते हैं तो कम से कम अपने एक्स हैंडल पर ही पोस्ट कर दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति झूठ बोल रहे हैं। आखिर ट्रंप से मोदी इतना डरते क्यों हैं? पूरा देश कह रहा है कि युद्ध करो, लेकिन आपने खत्म क्यों कर दिया।
दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार पर सशर्त सीजफायर का आरोप लगाते हुए पूछा कि अगर पाकिस्तान घुटने टेक रहा था तो हम पीछे क्यों हटे। उन्होंने कहा कि इससे देश की भावना आहत हुई है। सीजफायर से संबंधित ट्रंप के दावे का हवाला देते हुए हुड्डा ने कहा कि इससे केंद्र सरकार के 11 वर्षों की विदेश नीति का सच सामने आ गया है। विदेशों में घूम-घूम कर हम क्या कर रहे थे कि अमेरिका और रूस ने भी भारत-पाकिस्तान को एक तराजू पर तोल दिया।
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