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    I.N.D.I.A Meeting: राहुल गांधी का नाम उछालने से लेकर आपसी रिश्तों सहित कई मुद्दों पर मुखर हुआ गठबंधन, खुले सियासी हमले का उठा मुद्दा

    Updated: Sat, 13 Jan 2024 11:44 PM (IST)

    आईएनडीआईए ब्लॉक की पार्टियों की वर्चुअल बैठक के दौरान बेशक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को आम सहमति से गठबंधन का अध्यक्ष बनाया जाना तय हो गया मगर इस दौरान राहुल गांधी का नाम भी इस पद के लिए सुझाया गया लेकिन राहुल गांधी ने खरगे की उम्मीदवारी का पुरजोर समर्थन करते हुए सुझाव के रूप में आए इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

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    राहुल गांधी का नाम उछालने से लेकर आपसी रिश्तों सहित कई मुद्दों पर मुखर हुआ गठबंधन

    संजय मिश्र, इंफाल। आईएनडीआईए ब्लॉक की पार्टियों की वर्चुअल बैठक के दौरान बेशक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को आम सहमति से गठबंधन का अध्यक्ष बनाया जाना तय हो गया मगर इस दौरान राहुल गांधी का नाम भी इस पद के लिए सुझाया गया, लेकिन राहुल गांधी ने खरगे की उम्मीदवारी का पुरजोर समर्थन करते हुए सुझाव के रूप में आए इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

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    हेमंत सोरेन ने रखा था प्रस्ताव

    झामुमो नेता झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बैठक के दौरान राहुल को आईएनडीआईए का अध्यक्ष बनाकर गठबंधन का नेतृत्व करने का यह प्रस्ताव रखा था। वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने बैठक में आईएनडीआईए गठबंधन का नेतृत्व कर रही कांग्रेस और घटक दलों के बीच आपसी पारदर्शिता बढ़ाने की पैरोकारी की।

    मल्लिकार्जुन खरगे के नाम पर लगी मुहर

    विश्वस्त सूत्रों के वर्चुअल बैठक में शामिल हुए अधिकांश विपक्षी नेताओं ने लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर गठबंधन के संस्थागत स्वरूप का सियासी संदेश दिए जाने की जरूरत को देखते हुए मल्लिकार्जुन खरगे को आईएनडीआईए के अध्यक्ष के लिए मुफीद बताते हुए प्रस्तावित किया। इस दरम्यान हेमंत सोरेन ने कहा कि राहुल गांधी भी गठबंधन के अध्यक्ष पद के लिए काफी प्रभावशाली चेहरा हैं। खासकर इस लिहाज से कि वे युवा ही नहीं उर्जावान नेता हैं, जिसका गठबंधन को फायदा मिलेगा।

     सोरेन के प्रस्ताव को राहुल गांधी ने किया खारिज

    सूत्रों ने बताया कि सोरेन के इस प्रस्ताव पर तुरंत हस्तक्षेप करते हुए राहुल ने इसे खारिज कर दिया और कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष हैं। इतना ही नहीं उनका राजनीतिक अनुभव भी बहुत लंबा है और गठबंधन के अध्यक्ष पद के लिए इस समय वे ही सबसे उपयुक्त नेता हैं।

    वहीं, नीतीश कुमार ने संयोजक पद के प्रस्ताव को खारिज नहीं किया मगर इस पर चुप रहकर संदेश दे दिया कि ममता बनर्जी और अखिलेश यादव जैसे घटक दलों के नेताओं की ओर से समर्थन किए जाने के बाद इस पेशकश पर विचार का उनका विकल्प खुला है।

    आपसी रिश्तों की खींचतान पर हुआ चर्चा

    आईएनडीआईए की दिल्ली में हुई वर्चुअल बैठक का उपयोग कई सहयोगी दलों के नेताओं ने आपसी रिश्तों की खींचतान पर बेबाक चर्चा के लिए भी किया। सूत्रों के अनुसार अरविंद केजरीवाल ने यह मुद्दा उठाया कि जब कांग्रेस और आप के नेताओं के बीच लोकसभा सीटों के बंटवारे की चर्चा चल रही थी तब कांग्रेस के कुछ नेता आप की सार्वजनिक आलोचना कर रहे थे। इस पर राहुल गांधी ने हस्तक्षेप कर जोर देते हुए कहा कि राज्यों से जुड़े स्थानीय मुद्दों के असर से राष्ट्रीय सियासत के पहलुओं को नहीं जोड़ा जाना चाहिए।

    मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल से मिले केजरीवाल

    सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल ने इस मौके का उपयोग करते हुए यह भी कहा कि कई महीनों से वे खरगे और राहुल गांधी से मिलने का प्रयास कर रहे हैं। इस बारे में पत्र लिखने के बावजूद उनसे मुलाकात नहीं हो पायी है। समझा जाता है कि यह मुद्दा उठने का ही नतीजा रहा कि आईएनडीआईए बैठक के बाद शनिवार शाम को केजरीवाल की मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल के साथ मुलाकात हुई। खरगे के आवास पर केजरीवाल संग हुई इस बैठक की तस्वीर भी कांग्रेस की ओर से जारी की गई।

    बैठक में शामिल नहीं हुईं टीएमसी प्रमुख

    सूत्रों ने बताया कि कुछ घटक दलों के नेताओं ने एक दूसरे के नेताओं पर खुले सियासी हमले का मुद्दा भी उठाया। इसमें तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के खिलाफ अधीर रंजन चौधरी की हाल के दिनों में की गई तीखी आलोचनाओं का मामला सबसे ऊपर रहा।

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    तृणमूल कांग्रेस प्रमुख खुद बैठक में नहीं थी लेकिन हेमंत सोरेन ने अधीर का नाम लिए बिना यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि कैसे कांग्रेस नेताओं ने बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी और उसके बाद ईडी टीमों पर हमलों को लेकर बंगाल सरकार को बर्खास्त करने तक की मांग कर डाली। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इस पर तत्काल जवाब देते हुए कहा कि यह कांग्रेस का आधिकारिक रुख नहीं था। 

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